चीन ने अमेरिका को बताया UN का सबसे बड़ा कर्जदार, अमेरिका ने आरोपों का बताया बकवास
बीजिंग। चीन और अमेरिका के बीच अब एक-दूसरे पर आरोप लगाने का खेल शुरू हो चुका है। शुक्रवार को चीन ने अमेरिका को यूनाइटेड नेशंस (यूएन) का सबसे बड़ा कर्जदार देश बताया है। चीन ने कहा है कि अमेरिका को तुरंत यूएन का कर्ज चुकाना चाहिए। आपको बता दें कि अमेरिकी कांग्रेस में चीन को बैन करने वाला एक बिल लाया गया है। इसके बाद से ही चीन, अमेरिका पर भड़का हुआ है।
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अमेरिका से बोला तुरंत अदा करो कर्ज
चीन ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया है और कहा है कि यूएन के सभी सदस्यों को तुरंत अपने कर्जों को चुकाना होगा। इसके साथ ही चीन ने जोर देकर कहा कि अमेरिका को यूएन के दो बिलियन डॉलर चुकाने हैं। गुरुवार को यूएन के सेक्रेटररी जनरल के ऑफिस पर एक मीटिंग हुई थी। इसी मीटिंग में उन देशों पर चर्चा हुई थी जिन्हें यूएन का कर्ज देना है। मीटिंग में आई रिपोर्ट का हवाला देते हुए चीन ने कहा, '14 मई तक यूएन के नियमित बजट और पीसकीपिंग बजट की राशि करीब 1.63 बिलियन डॉलर से 2.14 बिलियन डॉलर है। अमेरिका सबसे बड़ा कर्जदार देश है और उसे यूएन के 1.165 बिलियन और 1.332 बिलियन डॉलर यूएन को अदा करने हैं।' अमेरिका की तरफ से यूएन के बजट में सबसे ज्यादा आर्थिक मदद दी जाती है। वह वार्षिक बजट में करीब 22 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है।
अमेरिका ने कहा ध्यान हटाने की कोशिश
आधिकारिक तौर पर अमेरिका को पीसकीपिंग बजट का 27.89 प्रतिशत अदा करना है। लेकिन साल 2017 में कांग्रेस की तरफ से फैसला लिया गया और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे लागू किया। इस फैसले के तहत अमेरिका ने यूएन की पेमेंट में 25 प्रतिशत तक की कटौती कर दी थी। इसका अर्थ यह है कि अब अमेरिका को यूएन के 200 मिलियन डॉलर अदा करने हैं। अमेरकिा का वित्तीय वर्ष अक्टूबर से अक्टूबर तक चलता है। यूएन में अमेरिकी मिशन की तरफ से चीन के आरोप को सिरे से नकार दिया गया है। अमेरिकी मिशन ने कहा, 'चीन कोविड-19 संकट को छिपाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए बहुत उत्सुक है और यह एक नया उदाहरण है।' अमेरिकी मिशन की तरफ से कहा गया है कि अमेरिका ने हाल ही में यूएन को 726 मिलियन डॉलर दिए हैं।