महिला सांसद ने पोस्ट की थी बेटे को स्तनपान कराने की ये तस्वीर, रिएक्शन पर अब यूं मनाया जश्न
न्यूयॉर्क। वेल्स से लेबर पार्टी की सांसद ने अपने बेटे को ऑनलाइन स्तनपान कराने की एक तस्वीर पोस्ट करने के बाद मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया की जमकर प्रशंसा की है। सांसद का नाम एलेक्स डेविस-जोन्स है, जिन्होंने 10 माह पहले ट्वीटर पर अपने बेटे को स्तनपान कराते हुए फोटो पोस्ट किया था। इस जबरदस्त प्रतिक्रिया के बाद अब एक बार फिर उन्हें ट्वीट कर जश्न मनाया है। अंग्रेजी वेबसाइट द मिरर के मुताबिक नवनिर्वाचित सांसद ने बताया कि पहले उन्होंने ऐसी तस्वीर शेयर न करने पर काफी विचार किया लेकिन फिर इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने के लिए उन्होंने ऐसा कदम उठाया।
एलेक्स ने ट्वीट कर लिखा- "मैं आज @APPGIFI में शामिल हो गई। यह सुलिवान के 10 महीने (स्तानपान कराते हुए 10 महीने)। आपको बता दें कि यूके में स्तनपान कराने वाली महिलाओं की संख्या बहुत कम है। या यूं कहें कि यूके में स्तानपान कराने वाली महिलाओं की संख्या 0.5% है जो दुनिया में सबसे कम है। उन्होंने आगे लिखा कि मैं अपनी आवाज को उन लोगों के लिए उठाना चाहती हूं जिन्हें ऐसा करने से पहले सोचना होता है। उन्होंने हैशटैग ब्रेस्टफीडिंग के साथ इसे पोस्ट किया।
I joined the @APPGIFI today. It’s also Sullivan’s 10month b/day which means 10months of breastfeeding 🤱🏼 Only 0.5% of women in the UK breastfeed up to a year (lowest rate in the world) I want to add to that stat & use my voice to support all those who need it 💪🏻 #Breastfeeding pic.twitter.com/AcQtaHRb8W
— Alex Davies-Jones MP (@AlexDaviesJones) January 29, 2020
मिरर से खास बातचीत में एलेक्स ने कहा कि उनके इस कदम को हजारों मांओं ने सराहा है। उन्होंने कहा कि मैं बेहद खुश हूं क्योंकि फोटो पर आए रिएक्शन काफी सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि पहले मैं तस्वीर डालने से पहले काफी सोच रही थी लेकिन मैंने फिर सोचा कि मुझे मेरे बेटे को खिलाने में कोई शर्म नहीं आनी चाहिए। यह उन लोगों के लिए प्रेरणादायक होगा जो अपने बच्चों को स्तनपान कराने में शर्माती हैं।
स्तनपान कराने में बहुत पीछे हैं समृद्ध देश
संयुक्त राष्ट्र बाल संस्था यूनिसेफ के मुताबिक मां के दूध में ऐसे कई पोषक तत्व होते हैं जो पूरी जिंदगी बच्चों के काम आते हैं। यूनिसेफ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक स्तनपान को बढ़ावा देने से दुनिया भर में हर साल आठ लाख से ज्यादा शिशुओं की जान बचाई जा सकती है। फिलहाल स्तनपान के कमी के चलते हर साल पांच साल से कम उम्र के 8,20,000 बच्चे मारे जाते हैं। सबसे ज्यादा खतरा छह महीने तक के शिशुओं को होता है। रिपोर्ट बताती है कि पिछड़े और विकासशील देशों की मांएं स्तनपान के मामले में विकसित देशों से कहीं आगे हैं। दुनिया भर में हर साल 76 लाख बच्चे ऐसे होते हैं, जिन्होंने कभी मां का दूध नहीं पिया। भूटान, मेडागास्कर और पेरु जैसे देशों की स्थिति को रिपोर्ट में सराहा गया है। वहीं आयरलैंड, अमेरिका और स्पेन में हालत खराब है।
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