ओबामा के बाद अब जो बाइडन को एशियन डिप्लोमेसी समझाएंगे कर्ट कैम्पबेल, भारत से है खास संबंध
20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की बागडोर संभालने वाले जो बाइडेन ने वरिष्ठ राजनयिक कर्ट कैम्पबेल को एशिया पॉलिसी का प्रमुख नियुक्त किया है। कर्ट कैम्पबेल को एशिया की रणनीति बनाने में माहिर माना जाता है
वाशिंगटन: 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की बागडोर संभालने वाले बाइडेन (biden) ने वरिष्ठ राजनयिक कर्ट कैम्पबेल (Kurt Campbell) को एशिया पॉलिसी (asia policy) का प्रमुख नियुक्त किया है। कर्ट कैम्पबेल(Kurt Campbell) वो राजनयिक हैं, जिन्हें एशिया की राजनीतिक और रणनीति बनाने में माहिर समझा जाता है, और उन्हें भारत-अमेरिका और जापान को रणनीतिक तौर पर एक साथ लाने वाला 'डिप्लोमेटिक आर्किटेक्ट' (Diplomatic architect)माना जाता है।
चीन के खिलाफ बनाएंगे रणनीति
कर्ट कैम्पबेल को एशियाई प्रमुख बनाकर अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ये संदेश दे दिया है, कि चीन को लेकर उनकी भी रणनीति ट्रंप प्रशासन की तरह ही होने वाली है। ऐसा इसलिए, क्योकि अमेरिकी किसी भी हाल में एशिया में चीन के वर्चस्व को कम करना चाहता है, और इसके लिए अमेरिका को हर हाल में भारत का साथ चाहिए, और कर्ट कैम्पबेल वो राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने जापान और अमेरिका के साथ भारत को जोड़ते हुए एशिया में एक नया ट्रांएगल बनाया था।
इस वक्त अमेरिका में इलेक्टेड राष्ट्रपति को सत्ता सौंपने की कवायद चल रही है, और इस खबर पर मुहर लगाते हुए बिडेन टीम ने कहा, कि कैम्पबेल नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में एशियाई और प्रशांत मामलों के समन्वयक होंगे। इससे पहले कर्ट कैम्बबेल ने ओबामा प्रशासन में स्टेट फॉर ईस्ट एशियन एंड पैसिफिक अफेयर्स में असिस्टेंट सेक्रेटरी के तौर पर काम किया है। इस पद के लिए नॉमिनेट किए जाने से ठीक एक दिन पहले कर्ट कैम्पबेल ने विदेशी मामलों के लिए एक संयुक्त ऑप-एड डी -10 जैसे नए समूहों के निर्माण की वकालत की है, जिसे यूनाइटेड किंगटम ने प्रपोज किया था।
कर्ट कैम्पबेल की रणनीति को जानिए
बाइडेन प्रशासन में कर्ट कैम्पबेल के एशिया हेड बनने के बाद उम्मीद की जा रही है, कि चीन को रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया, इंडिया, जापान और अमेरिका के बीच टेक्नोलॉजी, ट्रेड और इन्फ्रस्ट्रक्चर को लेकर नये समझौते हो सकते हैं। क्योंकि, कर्ट कैम्पबेल लगातार इस बात पर जोर देते हैं, कि हर मसले पर एक नया और बड़ा गठजोड़ बनाने से बेहतर है, कि अमेरिका अनौपचारिक तौर पर G-7 समूह में भारत, ऑस्ट्रेलिया और साउथ कोरिया को शामिल कर D-10 ग्रुप का निर्माण करे, जिसकी वकालत ब्रिटेन भी करता है। कर्ट कैम्पबेल के मुताबिक, D-10 का निर्माण टेक्नोलॉजी, ट्रेड, सप्लाई चेन, के लिए करना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही कर्ट कैम्पबेल ने चीन में चलने वाले उन यातना कैंपों का भी विरोध किया है, जिनमें रखकर उइगर मुस्लिमों को प्रताड़ित किया जाता है।
भारत को लेकर कैम्पबेल की सोच
मार्च 2020 में हडसन इंस्टीट्यूट थिंक टैंक समिट में भाग लेते हुए कर्ट कैम्पबेल ने भारत-अमेरिका संबंधों को और अधिक मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा था, कि उन्हें नहीं लगता है, अमेरिका के लिए भारत से ज्यादा महत्वपूर्ण संबंध अभी और कहीं बनाना चाहिए को 15 से 20 सालों तक भारत छोड़कर कहीं और और इनवेस्ट करना चाहिए।
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