कुलभूषण जाधव पर ICJ कोर्ट में पाक के झूठ का पर्दाफाश, 8 बड़ी बातें
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नई दिल्ली। भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस(आईसीजे) बुधवार को अपना फैसला सुना दिया है। आईसीजे ने अपने फैसले में कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाते हुए केस पर फिर से नए सिरे से विचार करने के लिए कहा है। कोर्ट के इस फैसले को भारत की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। इस मामले में कोर्ट के 16 में से 15 जज भारत के पक्ष में थे। जाधव का फैसला चीफ जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने पढ़कर सुनाया। जानें इस मामले से जुड़ी आठ अहम बातें...
सजा की समीक्षा करने का निर्देश
1- इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाते हुए पाकिस्तान को उसकी सजा की समीक्षा करने का निर्देश दिया है।
2- कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, पाकिस्तान जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से अपने फैसले की समीक्षा और पुनर्विचार नहीं कर लेता है, तब तक कुलभूषण की फांसी पर रोक रहेगी।
3- कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वियना संधि के तहत भारत के पास यह अधिकार था कि वह जाधव को कॉन्सुलर पहुंच दे और हिरासत में रहते हुए उनसे मुलाकात कर उनके लिए कानूनी मदद पहुंचाए लेकिन पाकिस्तान ने इस अधिकार से भारत को वंचित किया। कोर्ट ने यह भी कहा कि पाकिस्तान आर्टिकल 36(1) यानी कॉन्स्युलर एक्सेस दिए जाने के उल्लंघन के संदर्भ में अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।
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आईसीजे के 16 में से 15 जजों ने भारत के हक में फैसला दिया
4- इंटरनेशनल कोर्ट के इस फैसले के बाद भारत कुलभूषण जाधव को हर तरह की कानूनी सहायता मुहैया करा सकेगा। हालांकि कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की रिहाई की मांग को खारिज कर दिया
5- आईसीजे के 16 में से 15 जजों ने भारत के हक में फैसला दिया है। कोर्ट ने आईसीजे के क्षेत्राधिकार पर पाकिस्तान के ऐतराज को भी खारिज कर दिया।
6 आईसीजे के 16 में से 15 जजों ने भारत के हक में फैसला देने वाले 15 जजो में एक जज चीन का भी था। चीनी जज ने कुलभूषण जाधव मामले में भारत की दलीले सुनकर फैसला भारत के पक्ष में दिया।
कोर्ट ने पाक पर वियाना संधि के उल्लंधन का लगाया आरोप
7- कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वियना संधि के तहत भारत के पास यह अधिकार था कि वह जाधव को कॉन्सुलर पहुंच दे और हिरासत में रहते हुए उनसे मुलाकात कर उनके लिए कानूनी मदद पहुंचाए लेकिन पाकिस्तान ने इस अधिकार से भारत को वंचित किया। इस तरह से उसने कॉन्सुलर पहुंच पर वियना संधि के प्रावधानों का उल्लंघन किया।
8- आईसीजे में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट की दक्षिण एशिया की कानूनी सलाहकार रीमा उमर ने अपने ट्वीट में कहा है कि आईसीजे मेरिट के आधार पर भारत के पक्ष में फैसला सुनाया है। ICJ ने अपने फैसले में आदेश दिया है कि, जाधव केस की निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित हो।
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