कुलभूषण जाधव केस: भारत की ICJ से पाकिस्तान की सैन्य अदालत का फैसला रद्द करने की अपील
नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को पाक की फौजी अदालत की ओर से सुनाई गई फांसी की सजा को रद्द करने की मांग अंतराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) से की है। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव मामले की सुनवाई में न्यूनतम प्रक्रिया का भी पालन भी नहीं किया है। इसके साथ ही अदालत से अपील की गई कि जाधव के मामले को सिविलियन कोर्ट देखे और उन्हें पूर्ण रूप से कंसुलर पहुंच मुहैया कराया जाए।
भारत ने इस मामले में 18 फरवरी को अपना पक्ष रखा, जिसके बाद 19 फरवरी को पाकिस्तान ने दलीलें पेश की। 20 फरवरी को भारत के जवाब के बाद पाकिस्तान 21 फरवरी को इस मामले में अपनी अंतिम दलीलें पेश करेगा। भारत की ओर से हरीश साल्वे वकील हैं।
सुनवाई के दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव दीपक मित्तल ने कहा कि कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान के आरोपों में दम नहीं है। पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 36 का भी उल्लंघन किया है।
हरीश साल्वे ने आईसीजे में भारत के मामले को रखते हुए, सुनवाई के दूसरे दिन पाकिस्तानी वकील ख्वाजा कुरैशी ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर अदालत का ध्यान दिलाया। साल्वे ने कहा, जिस तरह की भाषा इस अदालत में बोली गई वो ठीक नहीं है भारत अंतरराष्ट्रीय अदालत में इस तरह से संबोधित किए जाने पर आपत्ति जताता है।
भारतीय पक्ष को रखते हुए हरीश साल्वे ने कहा, जब आप कानून के पक्ष पर मजबूत होते हैं तो आप कानून की बात करते हैं लेकिन जब आप इसमें मजबूत नहीं होते हैं तो सिर्फ टेबल पीटते हुए नजर आते हैं। जब आप किसी संप्रभु राष्ट्र की बात करते हैं तो आपको ध्यान में रखना होगा कि आप दूसरे देश की संप्रभुता की इज्जत करें। जब आप किसी पर आरोप लगाते हैं तो आप को ये ध्यान में रखना चाहिए कि आप के पास पर्याप्त साक्ष्य हों, लेकिन जिस तरह से पाकिस्तान अपने पक्ष को रख रहा है उससे साबित होता है कि उसके पास कहने के लिए कुछ भी नहीं है।
कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। जाधव को अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद फैलाने का दोषी पाए जाने की बात कहते हुए मौत की सजा सुनाई थी। जिसके बाद इस मामले को लेकर भारत आईसीजे में पहुंचा है।
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