UN के पहले अफ्रीकी महासचिव रहे कोफी अन्नान का 80 वर्ष की आयु में निधन
Recommended Video
न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्रसंघ (यूएन) के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान का शनिवार को 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। एक बीमारी की वजह से अन्नान की मृत्यु हुई है और इसकी जानकारी उनके परिवार और उनकी फाउंडेशन की ओर से दी गई है। घाना के अन्नान साल 1997 से 2006 तक यूएन के महासचिव रहे थे। वह यूएन के सांतवे महासचिव थे और उन्हें उनके कार्यों के लिए साल 2001 में नोबल के शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
सीरिया में शांति के लिए अन्ना की कोशिशें
अन्नान का जन्म घाना के कुमासी में आठ अप्रैल 1938 को हुआ था। वह यूएन के स्टाफ से महासचिव बनने वाले पहले व्यक्ति थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी नाने और तीन बच्चे हैं। अन्नान, अफ्रीकी समुदाय के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें इस पद की जिम्मेदारी दी गई थी। अपने पद से रिटायर होने के बाद अन्नान ने सीरिया के लिए विशेष दूत के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा किया। उनका मकसद सीरिया के संघर्ष को खत्म करके यहां पर शांति कायम करना था। उनके मृत्यु के बारे में घोषणा करते हुए कोफी अन्नान फाउंडेशन ने उन्हें 'दुनिया का महान नेता करार दिया तो शांति के लिए अपनी पूरी जिंदगी में प्रयास करता रहा।' अन्नान के कार्यकाल को इसलिए भी कई लोग याद करते हैं क्योंकि उनके कार्यकाल में ही इराक युद्ध से जूझ रहा था और दुनिया के बाकी हिस्से एचआईवी एड्स का सामना कर रहे थे।
It is with immense sadness that the Annan family and the Kofi Annan Foundation announce that Kofi Annan, former Secretary General of the United Nations and Nobel Peace Laureate, passed away peacefully on Saturday 18th August after a short illness... pic.twitter.com/42nGOxmcPZ
— Kofi Annan (@KofiAnnan) August 18, 2018
Deeply shocked to learn of the passing of my friend & mentor #KofiAnnan. The last time we spoke he had accepted my invitation to come to Kerala in 2022 to celebrate his "thousand moons". He was so fit I had no doubt he would go on well past that date. I have lost an elder brother
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 18, 2018
Kofi Annan was a proud son of Africa, a great admirer of India, a voice of the developing world, a paragon of internationalism & an exemplar of humanity. The @UN was fortunate to have been led by him at a pivotal moment in world history. He remains one of its greatest SecGens. https://t.co/CxPxtYNZIo
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 18, 2018