12, 39, 3 और 27: ये नंबर आज करेंगे पाकिस्तान के भविष्य का फैसला
पेरिस। टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ये फैसला करेगी कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखना है या फिर ब्लैक लिस्ट में डालना है। इस संस्था की मीटिंग पेरिस में चल रही है, जिसमें 205 देशों के प्रतिनिधी शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो आतंकवाद पर लगाम लगाने में फेल रहे पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रहने पर संस्था फैसला ले सकती है।
पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसे चेतावनी दी
इस संस्था ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसे चेतावनी दी है। संस्था ने कहा है कि दुनिया के कुछ देश अब भी अवैध तरीकों से जुटाई गई रकम के जरिए आतंकी संगठनों का समर्थन कर रहे हैं। पेरिस में फिलहाल एफएटीएफ की बैठक चल रही है। इसमें पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाकर ब्लैक लिस्ट में रखे जाने पर फैसला होगा।
आतंकी फंड जुटाने के नए तरीके
संस्था ने कहा, 'आतंकी फंड जुटाने के लिए कई नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। वो सोशल मीडिया के जरिए नए फॉलोवर्स की पहचान कर रहे हैं और अपनी फंडिंग और अन्य सुविधाएं जुटाने का रास्ता बना रहे हैं। एफएटीएफ ने टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए कड़े मानक लागू किए हैं। ताकि आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे संगठनों के पैसे जुटाने पर असर पड़ सके। हालांकि, अब भी कई आतंकी संगठन अवैध गतिविधियों के जरिए फंड जुटाने में लगे हैं। एफएटीएफ भी लगातार नए भुगतान के तरीकों की पहचान कर अवैध लेनदेन रोकने में जुटा है।'
हाफिज सईद को 11 साल की सजा सुनाई
हालांकि पाकिस्तान की एक अदालत ने कुछ दिन पहले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के फाउंडर और मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद को टेरर फाइनेंसिंग के दो मामलों में करीब 11 साल की सजा सुनाई है। पाकिस्तान ने दावा किया है कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित 16 आतंकी उसके पास थे, जिनमें से 7 की मौत हो गई है। जो 9 बचें हैं, उनमें से 7 ने संयुक्त राष्ट्र की छूट के लिए आवेदन किया है।
चलिए जानते हैं पाकिस्तान के लिए नंबर गेम कैसे काम करेगा?
पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए 39 में से 12 वोट की जरूरत है। उसे ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए तीन देशों के समर्थन की जरूरत है। इससे पहले बीजिंग में हुई बैठक में पाकिस्तान को मलेशिया, तुर्की और चीन का समर्थन मिला था। वहीं अक्टूबर में एफएटीएफ ने माना था कि पाकिस्तान ने 27 में से केवल 5 बिंदुओं पर ही काम किया है। आज एफएटीएफ ये समीक्षा करेगा कि पाकिस्तान ने उस लिस्ट पर कितना काम किया है, जो उसे जून 2018 में दी गई थी।