एक ब्यूटी क्वीन के हाथों हार गया कोरोना, अब तक एक भी नागरिक यहां Covid-19 पॉजिटिव नहीं मिला
नई दिल्ली। पूरी दुनिया आज कोरोना वायरस से त्रस्त है। इस वायरस की वजह से अब तक पूरी दुनिया में लगभग साढ़े तीन लाख लोग मारे जा चुके हैं और 56 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन अमेरिका से सटा समाओ नामक एक ऐसा देश हैं, जहां आज तक एक भी कोरोनावायरस का मरीज नहीं मिला हैं। जी हां, है तो यह आश्चर्य की बात, लेकिन सौ फीसदी सच हैं।
इसके पीछे की वजह सुनकर आप और भी अचरज में पड़ जाएंगे, क्योंकि समोआ के कोरोनावायरस संक्रमण नहीं फैलने के पीछे हैं समोआ की ब्यूटी क्वीन। कहा जाता है समोआ की ब्यूटी क्वीन फोनो मैकफर्लाड सुमांऊ ने अपने देश को महामारी के कहर से बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
एलएसी पर जारी तनाव के बीच चीन और भारत के सैन्य कमांडरों ने की वार्ता
गौरतलब है वर्तमान में पैसिफक आइलैड में बसे देश समोआ की गिनती उन देशों में हो रही है जहां कोरोना का अभी तक नामो-निशान नहीं हैं। कहा जाता है कि समोआ में अमेरिका से पहले लॉकडाउन लगा है। समोआ में यह लॉकडाउन लागू कर दिया गया था जब कोरोनावायरस के बारें किसी को जानकारी भी नहीं थी।
लांच के लिए तैयार है स्पेस एक्स का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन डेमो -2, जानिए कब होगा लांच?
पिछले साल समोआ में मीजल्स (खसरा रोग) काफी कहर ढाया था
समोआ में लॉकडाउन की वजह दूसरी बीमारी थी, जिसे मीजल्स (खसरा रोग) महामारी है, जिसने पिछले साल समोआ में काफी कहर ढाया था। आईलैंड पर बसे समोआ में मीजल्स महामारी में पिछले वर्ष कुल 83 लोगों की जान ले ली थी, जिसके बाद से समोआ की सरकार ने वहां ल़ॉकडाउन लागू कर रखा था।
ऐसे Covid19 से जुड़ा ब्यूटी क्वीन फोनो मैकफर्लाड सुमाउं का कनेक्शन
समोआ में कोरोनावायरस नहीं फैलने के लिए ब्यूटी क्वीन फोनो मैकफर्लाड सुमाउं का कनेक्शन तब जुड़ा जब समोआ में मीजल्स महामारी फैलने के चंद दिनों पहले ही उन्हें मिस समोआ ब्यूटी क्वीन के खिताब से नवाजा गया। मिस समोआ बनी फोन खिताब जीतने से बेहद खुश थीं, लेकिन जब उन्होंने देखा कि समोआ महामारी से जूझ रहा है, तो उन्होंने लोगों की सेवा करने का फैसला लिया।
करीब 2 लाख की आबादी वाले समोआ देश में फैली थी मीजल्स महामारी
करीब 2 लाख की आबादी वाले समोआ देश मीजल्स महामारी ने करीब 6 हजार लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था, जिसकी चपेट में आए करीब 83 की मौत हो चुकी थी। जल्द ही लोगों के बीच पहुंची एक ट्रेंड नर्स फोनो ने घर‐घर जाकर लोगों की सेवा करनी शुरू कर दी।
मिस समोआ ने महामारी से निपटने के लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम में हिस्सा लिया
मिस समोआ फोनो लॉकडाउन के बीच मीजल्स महामारी से निपटने के लिए वैक्सीनेश प्रोग्राम में भी सक्रियता से हिस्सा लिया और लोगों के घर जाकर लोगों को टीके लगाए और लोगों को मीजल्स से सुरक्षित रहने के लिए दिशा-निर्देश में दिए और जैसे ही देश ने महामारी मीजल्स पर कंटोल पा लिया।
मीजल्स पर कंट्रोल के बाद दुनिया में कोरोनावायरस का कहर फ़ैला
लेकिन इसे समोआ का दुर्भाग्य कहिए या सौभाग्य, क्योंकि समाओ द्वारा मीजल्स महामारी पर कंट्रोल पाने के बाद ही दुनिया में कोरोनावायरस का कहर फ़ैलने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। यह समाओ ब्यूटी क्वीन ही थी, जिन्होंने मीजल्स पर कंट्रोल के बावजूद समाओ की सरकार से लॉकडाउन जारी रखने की अपील की थी।
2 लाख जनसंख्या वाले देश में अभी तक नहीं है कोरोना का एक भी केस
समोआ की सरकार ने मिस समाओ की अपील मान लिया और इसी का नतीजा है कि 2 लाख की जनसंख्या वाले इस देश में अभी तक कोरोनावायरस का एक भी केस सामने नहीं आया है। इस पूरे मामले पर मिस समोआ फोनो का कहना है कि मीजल्स से लड़ते हुए उनके देश की जनता ने कोरोना को मात दे दिया है। फोनो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लोगों से घर के अंदर रहने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की भी अपील करती नजर आई थीं।
इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकट अस्पताल को क्वॉरेंटाइन सेंटर में बदल दिया
कोरोना वायरस के खतरे को भांपते हुए वहां की सरकार ने भी जनवरी महीने में ही देश के इकलौते इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकट स्थित एक अस्पताल को क्वॉरेंटाइन सेंटर में तब्दील कर दिया, जहां विदेश से आने वाले सभी को करीब 2 सप्ताह क्वॉरेंटाइन रहना अनिवार्य कर दिया था और जिस किसी ने क्वारेंटाइन होने से इंकार किया, उसे समोआ से वापस भेज दिया गया।
एक भी कोरोना केस सामने नहीं, फिर भी मार्च माह में उठाया ठोस कदम
मार्च माह में समोआ में कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम को लेकर ठोस कदम उठाते हुए वहां 5 से अधिक लोगों को एक साथ खड़ा होने पर रोक लगा दी गई जबकि वहां तब तक एक भी कोरोनावायरस केस सामने नहीं आया था।
मिस समोआ फोनो की दुनिया में हो रही है खूब प्रशंसा
समोआ को कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाने में अहम भूमिका निभाने वाली मिस समोआ की दुनिया में काफी प्रशंसा हो रही है। साथ ही अगर इस देश की ही तरह बाकी देशों ने भी समय रहते कड़े कदम उठाए होते तो आज कोरोनावायरस से दुनिया में स्थिति इतनी खराब नहीं होती।