किम-ट्रंप मुलाक़ात का वक़्त और जगह तय
साल भर पहले ऐसा सोचना भी नामुमकिन था लेकिन अब तो लगभग तय है कि अमरीका के राष्ट्रपति और उत्तर कोरिया के नेता के बीच ऐतिहासिक मुलाक़ात होकर रहेगी.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इन वार्ताओं के समय और जगह के बारे में तो नहीं बताया लेकिन इस बात के संकेत दिए कि मुलाक़ात से पहले उत्तर कोरिया में बंदी बनाए गए तीन अमरीकी नागरिकों को छोड़ा जा सकता है.
साल भर पहले ऐसा सोचना भी नामुमकिन था लेकिन अब तो लगभग तय है कि अमरीका के राष्ट्रपति और उत्तर कोरिया के नेता के बीच ऐतिहासिक मुलाक़ात होकर रहेगी.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इन वार्ताओं के समय और जगह के बारे में तो नहीं बताया लेकिन इस बात के संकेत दिए कि मुलाक़ात से पहले उत्तर कोरिया में बंदी बनाए गए तीन अमरीकी नागरिकों को छोड़ा जा सकता है.
डोनल्ड ट्रंप ने कहा, "हम उत्तर कोरिया के साथ विस्तृत बातचीत करने जा रहे हैं और इन वार्ताओं से पहले ही उत्तर कोरिया के साथ हमारे बंदी नागरिकों की रिहाई के बारे में कुछ तरक्की हुई है. मेरे ख़्याल से आप जल्द ही कुछ अच्छी ख़बर सुनेंगे. और मुलाक़ात का वक्त और दिन तय हो गया है. हम जल्द ही इसकी घोषणा करने वाले हैं."
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सेना में कटौती नहीं
लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने साफ़ किया कि वो दक्षिण कोरिया में अपनी सैन्य मौजूदगी को कम करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं.
पत्रकारों ने उनसे सीधे सवाल किया कि क्या उत्तर कोरिया से साथ बातचीत की मेज़ पर अमरीकी सेना की संख्या में कटौती शामिल होगी?
इस सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, " नहीं, नहीं. हम ऐसा नहीं करेंगे. अब मुझे बताना पड़ेगा कि भविष्य में कुछ पैसे बचाना चाहता हूं. आपको मालूम है न कि वहां हमारे 32 हज़ार सैनिक हैं. लेकिन मेरे ख़्याल से बहुत सी अच्छी बातें होने जा रही हैं. लेकिन एक बात साफ़ है - सैनिकों की संख्या वार्ताओं का हिस्सा नहीं होगी. बिल्कुल नहीं. "
सकारात्मक पहल
उधर उत्तर कोरिया ने एक और सकारात्मक क़दम उठाते हुए अपना टाइम ज़ोन दक्षिण के साथ मिला लिया है.
अब तक उत्तर कोरिया की घड़ियां दक्षिण कोरिया आधा घंटा पीछे चलती हैं.
उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने इस दोनों देशों के एकीकरण की प्रक्रिया का पहला व्यवहारिक क़दम बताया है.
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