किम जोंग उन: कैसे एक 'न्यूक्लियर मैन' इस साल बना ग्लोबल लीडर?
प्योंगयांग। बराक ओबामा जब व्हाइट हाउस छोड़कर गए, तब उन्होंने कहा था कि अमेरिका को नॉर्थ कोरिया से सबसे ज्यादा खतरा है। ओबामा के जाने के बाद ट्रंप ने अमेरिका की सत्ता संभाली और एक साल तक दोनों देशों के बीच जबरदस्त तनाव देखने को मिला। नॉर्थ कोरियाई सु्प्रीम लीडर कीम जोंग उन ने पिछले साल 15 से भी ज्यादा मिसाइलों को टेस्ट कर दुनिया में सबसे खौफ पैदा किया। 2017 में किम जोंग उन की वजह से कोरियाई प्रायद्वीप में सबसे ज्यादा तनाव देखने को मिला था, उस दौरान अमेरिका और नॉर्थ कोरिया ने एक दूसरे को मरने और मारने तक की धमकी तक दी थी। लेकिन, इस साल कोरियाई प्रायद्वीप न सिर्फ बिल्कुल शांत रहा, बल्कि किम जोंग उन और ट्रंप के बीच ऐतिहासिक मुलाकात भी हुई। यह पहला मौका था, जब किसी नॉर्थ कोरियाई सुप्रीम लीडर ने अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात की हो और इसका श्रेय ट्रंप और साउथ कोरियाई प्रयासों को जाना चाहिए।
सिंगापुर में ट्रंप और किम की मुलाकात के बाद अब अगले साल बहुत ही जल्द दूसरी समिट होने वाली है। इस बार न्यू ईयर से पहले किम जोंग उन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक मैसेज भी भेजा है। हालांकि, अभी तक सिर्फ इतना ही पता चल पाया है कि किम जोंग उन ने ट्रंप को एक लेटर लिखा है। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच अगली वार्ता को लेकर किम ने इच्छा जताई है।
साल 2018 में किम जोंग उन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, साउथ कोरियाई राष्ट्रपित मून जे-इन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर अपने न्यूक्लियर वेपंस को त्यागने का वादा किया और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सहयोग मांगा। अब अगले साल ट्रंप और किम के बीच होने वाली दूसरी मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर रहेगी। वहीं, किम 2019 में अपनी इकनॉमिक पॉलिसी और इंटर-कोरियन संबंधों पर कुछ फैसले ले सकते हैं।
अमेरिका का फोकस है कि नॉर्थ कोरिया को न्यूक्लियर फ्री स्टेट बनाया जाए, वहीं किम अपने देश पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की मांग कर रहे हैं। नॉर्थ कोरिया और अमेरिका की पहली द्विपक्षीय वार्ता के दौरान किम जोंग उन ने अपने न्यक्लियर वेपंस को नष्ट करने का वादा किया था। हालांकि, अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है, जिससे यह साबित होता है कि किम ने अपने न्यूक्लियर हथियारों को नष्ट कर दिया है। यही कारण है कि अभी तक अमेरिका ने भी नॉर्थ कोरिया के खिलाफ लगाए प्रतिबंधों को पूरी तरह से फिलहाल नहीं हटाया है।
नॉर्थ कोरिया से अभी तक न्यूक्लियर फ्री स्टेट को लेकर भले कोई रिपोर्ट नहीं आयी है, लेकिन किम जोंग उन ने पिछले एक साल में अपने आप में बहुत बदलाव लाया है। इस साल न तो उन्होंने 'नॉर्थ कोरिया डे' के दिन परेड में अपनी सैन्य शक्ति प्रदर्शन किया और ना ही उनके भाषणों में पहले जैसा नफरती तेवर दिखा। विशेषज्ञ मानते हैं कि 2019 में नॉर्थ कोरिया और अमेरिका के बीच बहुत कुछ देखने को मिलेगा जो पूरे ग्लोबल पॉलिटिक्स को प्रभावित करेगा।