क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

डीजल-पेट्रोल की कीमत को संभालने में हो गई थी नाकाम, इस देश में गिर गई सरकार

तेल की कीमतों को संभालने में नाकाम रहने के बाद कजाकिस्तान की सरकार गिर गई है। राष्ट्रपति ने सरकार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

Google Oneindia News

नूर-सुल्तान, कजाकिस्तान, जनवरी 05: तेल और इंधन की कीमत में भारी बढ़ोतरी के बाद कजाकिस्तान की सरकार गिर गई है और देश के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायव ने सरकार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। कजाकिस्तान में इंधन और पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में बढ़ोतरी के बाद देश में हिंसक प्रदर्शन हो रहे थे, जिसके बाद देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गई थी।

गिर गई देश की सरकार

गिर गई देश की सरकार

कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट तोकायव ने कहा है कि, उन्होंने देश की सरकार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। देश के राष्ट्रपति की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि, 'कजाकिस्तान रिपब्लिक के आर्टिकिल-70 के तहत मैं कजाकिस्तान रिपब्लिक की सरकार का इस्तीफा स्वीकार करता हूं'। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने देश में नई सरकार के गठन होने तक मौजूदा स्थिति को कायम रखने की घोषणा की है।

देश में हो रहा था प्रदर्शन

देश में हो रहा था प्रदर्शन

पूर्व सोवियत गणराज्य का हिस्सा रहे कजाकिस्तान के सबसे बड़े शहर अल्माटी में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया था और सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने मंगलवार की देर रात आंसू गैस के गोले दागे थे और हथगोलों का इस्तेमाल किया था। वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई घंटे तक हिंसक झड़प होती रही और फिर देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गई थी। भीषण विरोध के बीच पूर्व सोवियत गणराज्य की छवि को एक राजनीतिक रूप से स्थिर मगर 'तानाशाह' राज्य के तौर पर बनाकर रख दी थी।

'हिंसा के पीछे विदेशी शक्ति का हाथ'

कजाकिस्तान में सरकार की छवि काफी सख्त बन गई थी, जिसने देश की संसाधान का पिछले तीन दशक से इस्तेमाल सैकड़ों अरब डॉलर के विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए किया है। वहीं, प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रपति तोकायव ने बुधवार तड़के अल्माटी और तेल उत्पादक पश्चिमी मंगिस्टाऊ प्रांत में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी थी और आरोप लगाया था कि, हिंसा के पीछे घरेलू और विदेशी तत्व शामिल हैं। देश में आपातकाल की स्थिति में हथियारों, गोला-बारूद और शराब की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी और कई क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था।

दोगुने हुए थे तेल के दाम

दोगुने हुए थे तेल के दाम

कजाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन उस वक्त शुरू हुआ था, जब देश में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में भारी इजाफा हो गया था और पेट्रोल, डीजल और पेट्रोलियम गैस की कीमत से प्राइस कैप हटा दिया गया था। जिसके बाद देश में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत देखते ही देखते दोगुना से ज्यादा बढ़ गया था, जिसने जनता के गुस्से को भड़का दिया। बुधवार को कार्यवाहक कैबिनेट सदस्यों से बात करते हुए, राष्ट्रपति टोकायव ने उन्हें और प्रांतीय गवर्नरों को एलपीजी मूल्य नियंत्रण बहाल करने और उन्हें गैसोलीन, डीजल और अन्य "सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण" उपभोक्ता वस्तुओं तक विस्तारित करने का आदेश दिया था।

प्रदर्शन के विरोध में सरकार का इस्तीफा

देश के राष्ट्रपति ने विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार को एक पर्सनल दिवालियापन कानून विकसित करने और घरेलू उपयोग में आने वाली सामानों की कीमत को स्थिर रखने के लिए और गरीब परिवारों के किराए के भुगतान पर सब्सिडी देने का आदेश दिया था, लेकिन देश में विरोध प्रदर्शन के बीच ही सरकार ने इस्तीफा दे दिया। वहीं, राष्ट्रपति ने कहा है कि, आपातकाल की घोषणा के बाद से विरोध प्रभावित शहरों और कस्बों में स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन कर्फ्यू और आवाजाही पर प्रतिबंध अभी भी लगा हुआ है।

खुशखबरी के बाद WHO ने दी ओमिक्रॉन पर बड़ी चेतावनी, अब किस करवट बैठेगा कोरोना?खुशखबरी के बाद WHO ने दी ओमिक्रॉन पर बड़ी चेतावनी, अब किस करवट बैठेगा कोरोना?

Comments
English summary
Kazakhstan's government has fallen after failing to handle oil prices. The President has accepted the resignation of the government
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X