अमेरिका: यौन उत्पीड़न मामलों में घिरे जस्टिस ब्रेट का नॉमिनेशन रुका, ट्रंप ने दिए FBI जांच के आदेश
वॉशिंगटन। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नामित किए गए ब्रेट कैवानॉघ की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे ब्रेट के खिलाफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एफबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। सीनेट ज्यूडिशरी कमेटी की मांग को मानते हुए ट्रंप ने ब्रेट के खिलाफ 'सीमित दायरे' और 'एक सप्ताह से भी कम समय' में जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। ट्रंप ने ही ब्रेट को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नामित किया है, जो अब तक उनके खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को सिरे से खारिज बताते हुए आ रहे थे।
ट्रंप ने शुक्रवार को अपने एक बयान में कहा ब्रेट के खिलाफ लगे आरोपों की जांच एक सीमित दायरे में होनी चाहिए। ट्रंप का यह निर्णय उनके ही एडमिनिस्ट्रेशन से उलट है, जिन्होंने तर्क दिया था कि ब्रेट कैवानॉघ के खिलाफ लगे आरोपों के बारे में पहले से ही निरिक्षण किया जा चुका है। ब्रेट ने अपने ऊपर लगे आरोपों का पूरी तरह से इनकार कर दिया है।
ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के लिए नामित ब्रेट पर क्रिस्टीन ब्लासी फोर्ड के आरोप बहुत संगीन है, लेकिन उन्होंने उनकी जगह किसी और को नामित करने का विचार भी नहीं किया है।
ट्रंप का यह निर्णय उस वक्त आया, जबा अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटर जेफ फ्लेक ने जस्टिस ब्रेट के नामांकन के वोटिंग के आखिरी मिनट में कहा कि वे एफबीआई जांच चाहते हैं। सीनेट ज्यूडिशरी कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट जज के लिए नामित ब्रेट पर हुए वोटिंग के अंतिम निर्णय को भी एक सप्ताह के लिए टाल दिया है। हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीनेट ज्यूडिशरी कमेटी ने ब्रेट के मामले पर 11-10 से वोटिंग हुई है, यानी एफबीआई जांच में ब्रेट अगर निर्दोष साबित हुए तो उनके लिए सुप्रीम कोर्ट का जज बनने का रास्ता साफ हो जाएगा।
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