काबुल हमला: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने नरेंद्र मोदी से की बात, पाकिस्तानी पीएम का नहीं उठाया फोन
काबुल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काबुल में हुए हमले के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से फोन पर बात की। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि पीएम मोदी से आतंकियों को शरण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई से संबंधिंत फोन पर चर्चा हुई है। हालांकि, पाकिस्तानी पीएम शाहिद खकान अब्बासी ने भी कॉल किया था, लेकिन अशरफ गनी ने उनसे बात करने के लिए दिलचस्पी नहीं दिखाई। अफगानिस्तान की राजधानी में पिछले दो सप्ताह में तीन बड़े आतंकी हमले हुए है, जिसमें काबुल में 27 जनवरी को हुए हमले में 103 लोगों की मौत हुई थी।
गनी ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे मानव समाज के दुश्मनों द्वारा नागरिकों की हालिया मूर्खतापूर्ण हत्याओं पर संवेदना प्रकट करने के लिए कॉल किया।' लेकिन मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि अब्बासी ने जब संवेदना व्यक्त करने के लिए कॉल किया, तब अशरफ गनी ने बात करने से इनकार कर दिया।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकियों को पनाह देने वालों को खत्म करने को लेकर चर्चा हुई। गनी ने कहा कि अफगानियों के लिए भारत हमेशा से ही अच्छा मित्र रहा है, जिसने दुख-दर्द साझा की। अफगानिस्तान मीडिया के मुताबिक, राष्ट्रपति गनी ने उनके प्रतिनिधि को काबुल में हुए हमले के पीछे पाकिस्तान आर्मी से जुड़े सबूत देकर इस्लामाबाद भेजा है।
वहीं, पाकिस्तान का एक और झूठ सामने आया है, जब इस्लामाबाद ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने पिछले वर्ष 2017 में हक्कानी नेटवर्क और तालिबान से जुड़े आतंकियों को अफगानिस्तान को सौंप दिया था। हालांकि, इस खबर के बाद इस्लामाबाद में अफगान राजदूत ओमर जाखिवाल ने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा, 'ऐसा कभी हुआ ही नहीं और मुझे इसके बारे में पता तक नहीं है।'