डोनाल्ड ट्रंप के बरी होने पर जो बाइडेन ने कहा, ‘लोकतांत्रिक व्यवस्था नाजुक दौर में है’
डोनाल्ड ट्रंप के सीनेट से बरी होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि लोकतंत्र नाजुक दौर में है।
वाशिंगटन: अमेरिकी सीनेटर्स ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बरी कर दिया है। यानि, डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ ना मुकदमा चलेगा और ना ही उनके ऊपर कोई कार्रवाई की जाएगी। सीनेट से बरी होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अभी तो लड़ाई शुरू हुई है वहीं अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप के बरी होने के बाद लोकतंत्र को नाजुक दौर में बताया है।
बाइडेन ने कहा- नाजुक दौर में लोकतंत्र
6 जनवरी को अमेरिकी संसद कैपिटल हिल पर हुई हिंसा के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप पर सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही थी। विरोधियों का आरोप था कि डोनाल्ड ट्रंप ने ही अपने समर्थकों को अमेरिकी संसद पर हमला करने के लिए उकसाया। लिहाजा, डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, उनके ऊपर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ पहले हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में महाभियोग लाया गया और वहां से पास होने के बाद सीनेट में महाभियोग का मुकदमा चलाया गया। जहां अगर दो तिहाई बहुमत से डोनाल्ड ट्रंप को दोषी ठहरा दिया जाता तो फिर डोनाल्ड ट्रंप जेल भी जा सकते थे। मगर अमेरिकी सीनेट में डोनाल्ड ट्रंप को बरी कर दिया गया।
दरअसल, अमेरिकी संविधान के हिसाब से किसी भी राष्ट्रपति को सीनेट में दोषी ठहराने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। लेकिन इस वक्त अमेरिकी सीनेट में 50 सदस्य डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के पास है तो 50 सदस्य डेमोक्रेटिक पार्टी के हैं। लिहाजा, डोनाल्ड ट्रंप को दोषी साबित करने के लिए 67 सीनेटर्स की जरूरत थी। सीनेटर्स के सामने डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ तमाम सबूत पेश किए गये। तमाम दलीलें दी गईं और वीडियो फूटेज दिखाए गये जिनमें कैपिटल हिल हिंसा की तस्वीरें दिखाते हुए महाभियोग मैनेजर ने सीनेटर्स से पूछा कि अगर इन सबूतों के सामने होने के बाद भी, अगर अमेरिकी संसद पर हमला होने के बाद भी...अगर अमेरिका के सबसे बड़े पद पर बैठने वाले गैरजिम्मेदार राष्ट्रपति को दोषी नहीं ठहराया जाएगा तो फिर दोषी साबित होने के लिए कौन सा गुनाह सीनेट के सामने मायने रखेगा।
सीनेट से बरी डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप को दोषी ठहराने के लिए 17 रिपब्लिकन सांसदो को उनके खिलाफ वोट करना था लेकिन सिर्फ 7 रिपब्लिकन सांसदों ने ही डोनाल्ड ट्रंप को कसूरवार माना। और डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सीनेट में सिर्फ 57 वोट ही पड़े। यानि, जरूरत से 10 वोट कम। वोटिंग के बाद डोनाल्ड ट्रंप को बरी कर दिया गया। लेकिन, सीनेट के इस फैसले के बाद पूरे अमेरिका में रिपल्बिकन्स की आलोचना हो रही है। हॉलीवुड के साथ साथ कई अमेरिकी सांसदों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने रिपल्बिकन्स और सीनेट की आलोचना की है।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने जो बाइडेन ने कहा कि 'अमेरिकी लोकतंत्र इस वक्त नाजुक दौर में है और हर अमेरिकी का कर्तव्य है कि वो सच का साथ दे'। जो बाइडेन ने अपने बयान में कहा है कि 'अमेरिकी लोकतंत्र का ये अध्याय हमें बताता है लोकतंत्र नाजुक है और हमें किसी भी कीमत पर लोकतंत्र की रक्षा करनी होगी। अमेरिकी समाज में हिंसा और कट्टरवाद के लिए कोई जगह नहीं है। लिहाजा ये हर अमेरिकन का कर्तव्य और दायित्व है कि झूठ और कट्टरवाद के खिलाफ आवाज उठाए खासकर नेताओं के कंधों पर ये सबसे बड़ी जिम्मेजारी है'
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