भारत-चीन सीमा विवाद पर भारत के साथ राष्ट्रपति बाइडेन, पहली प्रतिक्रिया में चीन के मंसूबों को बताया खतरनाक
भारत-चीन सीमा विवाद पर अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन की पहली प्रतिक्रिया आ गई है। जो बाइडेन प्रशासन ने भारत को अपना दोस्त बताते हुए चीन की विस्तारवादी नीति को लेकर चिंता जाहिर की है।
America India friend: वाशिंगटन: भारत-चीन सीमा विवाद (Border Dispute) पर अमेरिका (America) के नये राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन की पहली प्रतिक्रिया (First Response) आ गई है। जो बाइडेन प्रशासन ने भारत को अपना दोस्त(Indo-Us Relation) बताते हुए चीन(China) की विस्तारवादी नीति को लेकर चिंता जाहिर की है। अमेरिका ने कहा है कि चीन अपने पड़ोसी देशों को जिस तरह से धमका कर डराने की कोशिश कर रहा है वो बेहद खतरनाक है। भारत-चीन सीमा पर विवाद को अमेरिका बेहद करीब से मॉनिटर कर रहा है। और अमेरिका मानता है कि सीमा विवाद के पीछे चीन जिम्मेदार है।
पड़ोसियों को धमका रहा है चीन
अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (NSC) की प्रवक्ता एमली जे हॉर्न ने व्हाइट हाउस (White House) में बयान देते हुए कहा कि पड़ोसी देशों के साथ चीन का रवैया बेहद खराब रहता है। चीन अपने पड़ोसी देशों को डराकर रखना चाहता है। खासकर भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर अमेरिका बेहद चिंतित है। अमेरिका मानता है कि सीमा विवाद को भड़काने के लिए बीजिंग जिम्मेदार है। NSC की प्रवक्ता एमली जे हॉर्न ने व्हाइट हाउस में बयान देते हुए ये भी कहा कि भारत की जमीन पर अवैध तरह से कब्जा करने की कोशिश पूरी तरह से गलत है और अमेरिका भारत-चीन सीमा विवाद पर नजदीकी नजर बनाए हुआ है।
बाइडेन प्रशासन ने भारत को बताया दोस्त
व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा है कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर दोनों सरकारों को शांतिपूर्वक बातचीत के जरिए समस्या को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। अमेरिका शांतिपूर्वक हो रही बातचीत को सपोर्ट करता है। जब NSC प्रवक्ता से पूछा गया कि भारत की जमीन में चीन कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, इसपर जो बाइड़ेन प्रशासन क्या सोचता है, तो NSC प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि चीन और भारत के बीच शांतिपूर्वक तरीके से सीमा विवाद के समाधान की कोशिश हो लेकिन बीजिंग अपने पड़ोसियों को धमकाकर उन्हें डराकर रखना चाहता है जो चिंता की बात है।
व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा कि हम अपने दोस्तों और सहयोगियों के साथ हिंद प्रशांत सागर की सुरक्षा के लिए हमेशा खड़े हैं। और बाइडेन प्रशासन ये मानता है कि चीन पड़ोसियों को ना सिर्फ धमकाता है बल्कि उकसाता है। भारत और अमेरिका दोस्त हैं और अमेरिका अपने दोस्तों और सहयोगियों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है। जो बाइडेन प्रशासन ने सत्ता संभालने के बाद भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर पहली बार प्रतिक्रिया दी है।
अमेरिकी मीडिया में भी भारत-चीन सीमा विवाद
चीन को लेकर भारत का रवैया भी बेहद सख्त है। बजट सत्र के दौरान संसद के संयुक्त सदन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद को देखते हुए LAC पर भारत अपनी शक्ति में इजाफा कर रहा है। भारत लगातार सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है। भारत किसी भी हाल में अपनी संप्रभुता की रक्षा करना जानता है। भारत के इस बयान के बाद अमेरिकी न्यूज पेपर न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि भारत और चीन के बीच का सीमा विवाद अब बेहद डरावना शक्ल अख्तियार कर चुका है।
दरअसल, कई रिपोर्ट्स में दावे किए जा रहे हैं कि चीन लगातार अपनी सैनिकों की संख्या LAC पर बढ़ा रहा है साथ ही ये भी दावा किया गया है कि अरूणाचल प्रदेश में चीन ने एक स्थायी गांव का निर्माण कर लिया है। हालांकि, इस रिपोर्ट की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है कि चीन ने निर्माण कार्य भारतीय जमीन पर किया है या फिर अपने हिस्से में। मगर, व्हाइट हाउस का ये बयान निश्चित तौर पर भारत के पक्ष में है।
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