चीन के साथ झगड़ा सुलझाने में लगे बाइडेन? जिनपिंग को 7 महीने बाद किया फोन, 15 दिनों में दूसरी बार झुके!
पिछले 15 दिनो में दूसरी बार अमेरिका ने चीन के साथ बातचीत की है और मतभेदों को सुलझाने का आग्रह किया है। इससे पहले अमेरिकी सेना प्रमुख ने पीएलए के साथ बातचीत की थी।
वॉशिंगटन/बीजिंग, सितंबर 10: अफगानिस्तान से निकलने के बाद अब अमेरिका अपना पूरा ध्यान चीन की तरफ लगा लगा है और पिछले 15 दिनों में अमेरिका की तरफ से तीन बड़े कदम चीन को लेकर उठाए गये हैं। पहली बार चीन के मुद्दे को लेकर अमेरिका की उप-राष्ट्रपति ने एशिया का दौरा किया। दूसरा कदम बाइडेन के कार्यकाल में पहली बार अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने चीन की सेना पीएलए के साथ बात की है और अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सात महीने बाद चीन के राष्ट्रपति को फोन किया है।
शी जिनपिंग को फोन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइ़डेन ने शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से सात महीनों बाद पहली बार बात की है, जिसे व्हाइट हाउस ने "व्यापक रणनीतिक चर्चा" कहा है। हालांकि, चीनी राज्य मीडिया ने बताया कि शी जिनपिंग ने जो बाइडेन के सामने अमेरिका को काफी बुरा-भला कहा है। व्हाइट हाउस के अनुसार, जो बाइडेन और शी जिनपिंग ने टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच राजनयिक संबंधों से संबंधित मुद्दों पर खुले और सीधे तरीके से बातचीत करने पर सहमति व्यक्त की है। व्हाइट हाउस ब्रीफिंग रूम द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि, "दोनों नेताओं के बीच एक व्यापक, रणनीतिक चर्चा हुई जिसमें उन्होंने उन क्षेत्रों पर चर्चा की जहां हमारे हित मिलते हैं, और उन मुद्दों पर भी बात की है, जहां हमारे हित, मूल्य और दृष्टिकोण अलग-अलग हैं।"
चीन के सामने झुका अमेरिका?
दरअसल, जो बाइडेन ने चीन पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चायना को लेकर नई रणनीति बनाई है। व्हाइट हाउस के बयान के मुताबिक राष्ट्रपति बाइडेन अमेरिका और चीन के बीच जिम्मेदारी से प्रतिस्पर्धा को मैनेज करना चाहते हैं और इसी कड़ी में उन्होंने चीनी राष्ट्रपति से बात की है। व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा है कि चीन के राष्ट्रपति को फोन करने की पहल अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के द्वारा की गई थी, वो भी तब...जब इसी साल अमेरिका और चीन के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के दौरान चीन के अधिकारियों ने कहा था कि 'चीन अमेरिका के साथ गंभीर और वास्तविक बातचीत में शामिल होने का इच्छुक नहीं है।' व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 'अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता का वकालत किया है'। इसके साथ ही व्हाइट हाउस ने कहा कि 'दोनों देशों के राष्ट्रपतियों ने जिम्मेदारी के साथ प्रतिस्पर्धा बढ़ाने पर सहमति जताई है।'
चीन ने क्या कहा?
चीन ने अमेरिका के साथ हुई बातचीत को 'स्पष्ट और गहन बातचीत की' बताया है। लेकिन इसके साथ ही चीन ने साफ तौर पर कह दिया है कि अच्छे संबंध बनाए रखने की जिम्मेदारी अमेरिका की है। चीनी मीडिया के मुताबिक शी जिनपिंग ने जो बाइडेन से कहा है कि 'चीन अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंध काफी खराब हो चुके हैं, जिससे दोनों देशों के सामूहिक हितों का नुकसान हो रहा है'। शी जिनपिंग ने कहा है कि 'जब चीन और अमेरिका एक साथ काम करेंगे तो सिर्फ चीन और अमेरिका को ही नहीं, बल्कि इससे पूरी दुनिया को फायदा होगा'। लेकिन, आगे शी जिनपिंग ने कहा कि 'चीन और अमेरिका के बीच अच्छे संबंध कैसे स्थापित हों, इसपर ध्यान दिया जाना चाहिए, ना कि विकल्प की तलाश होनी चाहिए।' चीन की तरफ से बार बार इस बात पर जोर दिया गया है कि अमेरिका के निमंत्रण पर ही शी जिनपिंग ने बाइडेन से बात की है।
बातचीत में अड़ा रहा चीन
चीनी मीडिया ने बाइडेन और शी जिनपिंग की बातचीत को लेकर जो रिपोर्ट दी है, उससे साफ जाहिर होता है कि चीन ने अमेरिका के सामने झुकने से साफ इनकार करते हुए कहा कि चीन के साथ किस तरह का संबंध बनाना है, ये अमेरिका को तय करना है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जो बाइडेन ने शी जिनपिंग को कहा है कि 'वन चायना पॉलिसी' को बदलने का अमेरिका का कोई विचार नहीं है। इसके साथ ही शी जिनपिंग ने जो बाइडेन से कहा है कि 'चीन और अमेरिका के कंधे पर बड़ी वैश्विक जिम्मेदारियां होनी चाहिए और इसके लिए दोनों देशों को रणनीतिक-राजनीतिक तौर पर काम करना चाहिए, ताकि दोनों देशों के बीच के संबंध में सुधार लाया जा सके।'
अमेरिका को चीन की दो टूक
इसके साथ ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि अगर अमेरिका चाहता है कि चीन के साथ अच्छे संबंध कायम हों तो उसे चीन की चिंताओं का ध्यान रखना होगा और सावधानी के साथ मतभेदों को सुधारने की दिशा में पहल करनी होगी। आपको बता दें कि बाइडेन से सत्ता संभालने के बाद ये दूसरा मौका है, जब दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई है। हालांकि, अभी तक दोनों नेताओं के बीच कोई आमने-सामने की बैठक नहीं हुई है। माना जा रहा था कि चीन को लेकर जो बाइडेन पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप सरकार की तुलना में नरम रूख रख सकते हैं, लेकिन बाइडेन सरकार के दौरान भी दोनों देशों के बीच संबंध और खराब ही हुए हैं। लेकिन, पिछले एक महीने में अमेरिका की तरफ से ऐसे संकेत मिले हैं, जिससे पता चलता है कि अमेरिका चीन के साथ अपने विवादों को सुलझाना चाहता है।
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