भारत में दलितों पर अत्याचार और लंदन में जेएनयू स्टाइल में विरोध प्रदर्शन
लंदन। शनिवार को लंदन स्थित भारतीय दूतावास के बाहर एक बड़ी ही अजीब सी स्थिति थी। यहां पर सैंकड़ों कार्यकर्ता भारत में दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। पूरे यूनाइटेड किंगडम से कई संगठनों के कार्यकर्ता यहां पर पहुंचे थे और करीब दो घंटे तक प्रदर्शन का दौर चलता रहा।
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लंदन में भी गूंजा 'ले के रहेंगे आजादी'
करीब दो घंटे तक दूतावास के बाहर भीड़ इकट्ठा रही। प्रदर्शनकारी 'मनुवाद से आजादी', 'ब्रह्मवाद से आजादी', 'छूत-अछूत से आजादी', 'ले के रहेंगे आजादी,' इस तरह के नारे लगा रहे थे।
अगर आपको याद हो तो इस वर्ष फरवरी में जब भारत के राजधानी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरु यानी जेएनयू में विरोध प्रदर्शन हुए थे, तो कुछ इसी तरह के नारे लगाए गए थे।
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अडानी से लेकर अंबानी का जिक्र
साउथ एशिया सॉलिडेटरी ग्रुप (एसएएसजी) की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी की गई। यह संगठन विरोध प्रदर्शन में शामिल संगठनों में से एक था।
इस रिलीज में कहा गया कि भारत के गुजरात राज्य के ऊना में 11 जुलाई को दलितों के खिलाफ जो कुछ भी हुआ, प्रदर्शन के लिए जरिए उन पीड़ितों के साथ एकजुटता का भाव प्रदर्शित करना इस प्रदर्शन का मकसद था।
प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथ में पोस्टर्स ले रखे थे जिन पर लिखा था, 'दलितों के लिए जमीन हो न कि अंबानी और अडानी के लिए,''हमें इंसाफ चाहिए,' 'समानता चाहिए,' और 'जात-पात को खत्म करो'।