जसपाल अटवाल ने मांगी ट्रूडो से माफी, कहा आतंकवाद और अलग सिख देश की मांग से अब नहीं कोई मतलब
खालिस्तान के दोषी आतंकी जसपाल अटवाल ने गुरुवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से माफी मांगी है। अटवाल ने यह माफी कनैडियन पीएम ट्रूडो की भारत यात्रा के दौरान उनकी वजह से हुए विवाद के लिए मांगी है। अटवाल ने साल 1980 में खालिस्तान आंदोलन का समर्थन किया था।
ओटावा। खालिस्तान के दोषी आतंकी जसपाल अटवाल ने गुरुवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से माफी मांगी है। अटवाल ने यह माफी कनैडियन पीएम ट्रूडो की भारत यात्रा के दौरान उनकी वजह से हुए विवाद के लिए मांगी है। अटवाल ने साल 1980 में खालिस्तान आंदोलन का समर्थन किया था। इसके अलावा वह पंजाब सरकार में मंत्री रहे मलकियत सिंह सिद्धू की साल 1986 में हुई हत्या का भी दोषी है। अटवाल को 19 फरवरी को कनाडा उच्चायोग की ओर से ट्रूडो के स्वागत के लिए आयोजित डिनर में इनवाइट किया गया था। यहां पर अटवाल ने ट्रूडो की पत्नी और उनकी सरकर में मंत्री के साथ फोटोग्राफ खिंचावईं थीं। इसके बाद काफी विवाद हुआ था और विवाद बढ़ने पर दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम को कैंसिल करना पड़ गया था। इस कार्यक्रम में भी अटवाल को इनवाइट किया गया था।
सरकार
की
मंजूरी
के
बाद
गए
भारत
एक
प्रेस
कांफ्रेंस
में
अटवाल
अपने
वकील
ऋषि
गिल
के
साथ
मौजूद
थे।
यहां
पर
उन्होंने
कहा,
'इस
मुद्दे
की
वजह
से
कनाडा,
भारत,
मेरे
समुदाय
और
मेरे
परिवार
को
काफी
शर्म
का
सामना
करना
पड़ा
है
और
मैं
इसके
लिए
माफी
मांगता
हूं।'
अटवाल
ने
आगे
कहा,
'मैं
हर
तरह
के
आतंकवाद
को
छोड़ने
का
ऐलान
करता
हूं।
मैं
किसी
भी
आजाद
सिख
देश
के
विचार
का
समर्थन
नहीं
करता
हूं।
मैं
भी
उन
सिखों
की
ही
तरह,
जिन्होंने
कभी
एक
अलग
सिख
देश
की
आवाज
उठाई
थी,
भारत
के
साथ
आ
गया
हूं।'
अटवाल
ने
कहा
इंडो-कनैडियन
समुदाय
की
ओर
से
वह
कनाडा
की
राजनीति
में
पूरी
तरह
से
घुल-मिल
गए
हैं।
अटवाल
के
मुताबिक
वह
कई
बार
भारत
आ
चुके
हैं
जिसमें
पिछले
वर्ष
वह
तीन
बार
भारत
आए
हैं।
अटवाल
के
मुताबिक
पिछले
वर्ष
वह
तीनों
बार
भारत
सरकार
की
मंजूरी
के
बाद
ही
भारत
गए
थे।
कनाडा
की
ओर
से
नहीं
है
कोई
प्रतिबंध
अटवाल
ने
आगे
कहा
कि
कनाडा
की
ओर
से
उन
पर
किसी
तरह
की
ऐसा
कोई
प्रतिबंध
नहीं
लगाया
है
जिसके
बाद
वह
कहीं
ट्रैवेल
न
कर
सकें।
हाल
ही
में
उनकी
भारत
यात्रा
से
पहले
कनाडा
के
एक
सांसद
रणदीप
सराई
ने
उनसे
बात
की
और
पूछा
कि
क्या
वह
भारत
में
ट्रूडो
के
रिसेप्शन
में
शामिल
हो
सकते
हैं।
अटवाल
के
मुताबिक
उन्हें
लगा
कि
इसमें
कोई
समस्या
नहीं
है
और
किसी
को
भी
इस
बात
का
जरा
भी
इशारा
नहीं
था
कि
उनके
शामिल
होने
से
किसी
तरह
का
कोई
विवाद
होगा।
अटवाल
के
ट्रूडो
के
डिनर
में
शामिल
वाला
विवाद
कनाडा
तक
पहुंच
गया
था।
जब
से
वह
कनाडा
लौटे
हैं
उन्हें
इससे
जुड़े
सवालों
का
सामना
करना
पड़
रहा
है।
वहीं