रात को भरपूर सोने वाले कर्मचारियों को ये कंपनी दे रही है 41 हजार रुपए का इनाम
सोचिए अगर आपको रात में ज्यादा सोने के लिए आपकी कंपनी पैसा दे तो कैसा रहेगा? ये तो किसी सपने की नौकरी जैसा है, है ना! जापान की एक कंपनी अपने कर्मचारियों को दिन में पर्याप्त नींद लेने पर अवॉर्ड दे रही है। कंपनी का मानना है कि पर्याप्त नींद लेने वाला कर्मचारी उत्पादक होता है।
टोक्यो। सोचिए अगर आपको रात में ज्यादा सोने के लिए आपकी कंपनी पैसा दे तो कैसा रहेगा? ये तो किसी सपने की नौकरी जैसा है, है ना! जापान की एक कंपनी अपने कर्मचारियों को दिन में पर्याप्त नींद लेने पर अवॉर्ड दे रही है। कंपनी का मानना है कि पर्याप्त नींद लेने वाला कर्मचारी उत्पादक होता है। इसलिए कंपनी ने उन सभी कर्मचारियों को अवॉर्ड प्वाइंट देने का फैसला लिया है, जो कम से कम छह घंटे की नींद लेकर ऑफिस आएंगे।
ईनाम पाने के लिए कम से कम 6 घंटे सोना होगा
जापान की कंपनी क्रेजी इनकॉर्पोरेशन अपने कर्मचारियों को ज्यादा सोने के लिए अवॉर्ड प्वाइंट देगी। कंपनी के मालिक काजुहीको मोरियामा ने कहा कि अच्छी तरह से विश्राम करने वाले कर्मचारी बिजनेस के लिए अच्छे होते हैं। इसलिए उनकी कंपनी उन कर्मचारियों को अवॉर्ड प्वाइंट्स देगी जो कम से कम पांच दिनों तक छह घंटे की नींद लेंगे। इन प्वॉइंट्स को कर्मचारी कंपनी की कैंटीन में खाने के बदले बदल सकते हैं। एक साल में एक कर्मचारी को 64,000 येन (41,000 रुपये) की कीमत के प्वाइंट मिलेंगे।
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'पर्याप्त नींद वाले कर्मचारी ही अच्छा प्रदर्शन करते हैं'
कर्मचारियों की नींद पर नजर रखने के लिए एक ऐप की मदद ली जाएगी, जो बिस्तर बनाने वाली कंपनी एरवीव इनकॉर्पोरेशन ने विकसित किया है। मोरियामा का मानना है कि खुश जिंदगी जीने वाले कर्मचारी ही ऑफिस में अच्छा परफॉर्म कर पाते हैं। उन्होंने कहा, 'आपको कर्मचारियों के अधिकारों को सुरक्षित करना होगा, नहीं तो देश कमजोर पड़ जाएगा।' मोरियामा का कहना है कि वो लाखों कर्मचारियों तक पहुंच कर कुछ ऐसा करना चाहते हैं, जो दूसरों को बेवकूफी लगती है।
जापान में बड़ा मुद्दा है कर्मचारियों का ओवरटाइम
जापान में कर्मचारियों का ओवरटाइम करना एक बड़ा मुद्दा है। जापान में 20 साल की उम्र से ज्यादा के 92 फीसदी लोगों का कहना है कि वो पर्याप्त नींद नहीं ले पाते। कर्मचारियों में नींद की कमी से सिर्फ जापान ही नहीं, बल्कि अमेरिका जैसे विकसित देशों को भी लाखों-करोड़ों का नुकसान हुआ है। पिछले साल जापान में एक रिपोर्टर की मौत के कारण में ओवरटाइम सामने निकलकर आया था। 31 साल की मिवा सादो की 2013 में मौत हो गई थी। मौत के चार साल बाद खुलासा हुआ था कि उनकी मृत्यु का कारण महीने में 159 घंटे ओवरटाइम करना था।
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ओवरटाइम से हर साल हो जाती हैं हजारों मौत
जापान में ओवरटाइम करने से हर साल हजारों मौत होती हैं। इस कारण होने वाली मौतों को 'कारोशी' कहते हैं यानी 'ओवरटाइम से मौत'। कारोशी का कारण हार्ट अटैक, स्ट्रेस के कारण स्ट्रोक और ज्यादा समय तक भूखे रहना हो सकता है। कई युवा इन बीमारियों का शिकार होते हैं और कई आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लेते हैं। जापान के युवाओं पर ओवरटाइम के बाद भी सोशलाइज करने का प्रेशर रहता है। इसे वर्क कल्चर का ही हिस्सा माना जाता है।
दुनिया के कई देशों में वर्कप्लेस पर तनाव झेल रहे युवा
और ऐसा केवल जापान में नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में होता है। न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक आजकल के युवा महीने में इतना काम करते हैं कि वो अपनी छुट्टियां भी नहीं ले पाते। बॉस को खुश करने से लेकर डेडलाइन मीट करने तक, युवाओं पर काम का काफी बोझ होता है। कई वेबसाइट्स के सर्वे के मुताबिक आजकल काम करने वाले लोगों में से 10 में 8 स्ट्रेस से जूझ रहे हैं। स्ट्रेस, एंग्जाइटी, पैनिक अटैक्स इन लोगों की जिंदगी का आम हिस्सा बन गया है। कई देशों ने अपने यहां वर्क कल्चर सुधारने के लिए कदम भी उठाए हैं।
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