कोरोना महामारी के बीच जापान के वैज्ञानिकों ने जारी की कुदरत की एक और 'महा-आफत' की चेतावनी
टोक्यो। जापान के सरकारी पैनल की तरफ से देश मे बड़ी सुनामी और भूकंप की चेतावनी दी गई है। मंगलवार को जिस पैनल की तरफ से वॉर्निंग दी गई है उसमें कई विशेषज्ञ शामिल हैं और वैज्ञानिकों की तरफ से कहा गया है कि सुनामी में 30 मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती है। जापान टाइम्स के मुताबिक एक्सपर्ट्स ने कहा है कि देश में रिक्टर स्केल पर नौ की तीव्रता वाला भूकंप आ सकता है।
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18 अप्रैल को टोक्यो से गुजरी आफत
इससे पहले 18 अप्रैल को जापान में एक तीव्र भूकंप आ चुका है और प्रशांत महासागर के ददक्षिणी हिस्से में आया यह भूकंप टोक्यो से गुजर गया था। इसमें किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं आई थी। जापान की मीटियोरॉजिकल एजेंसी का कहना है कि यह भूकंप जापान के दक्षिण में ओगासावारा द्वी पर आया था। जापान टाइम्स ने टोक्यो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और पैनल के हेड सेसमोलॉजिस्ट केंजी सताके के हवाले से लिखा है, 'एक बड़े भूकंप से इस मौके पर निबटना काफी मुश्किल होगा। लोगों की जिंदगियां बचाने और सबसे अहम होगा उन्हें सुरक्षित निकालना।'
साल 2011 में भी नौ की तीव्रता का भूकंप और सुनामी
रिपोर्ट में कहा गया है कि एरिमो टाउन में सुनामी की वजह से 90 मीटर तक की ऊंची लहरें उठ सकती हैं। जापान टाइम्स की मानें तो टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी होल्डिंग्स इंक के मालिकाना हक वाला फुकिशिमा का न्यूक्लियर प्लांट डूब सकता है। यह प्लांट साल 2011 में आई सुनामी में भी बुरी तरह प्रभावित हुआ था। उस सुनामी और भूकंप ने देश को हिला दिया था। जापान के 16 राज्यों में इसकी वजह से 10,872 लोगों की मौत हो गई थी। करीब 17,000 लोग लापता हो गए थे। वह भूकंप भी रिक्टर स्केल पर नौ की तीव्रता वाला था। अप्रैल 2016 में जापान में 24 घंटों के अंदर 28 से ज्यादा झटके रिकॉर्ड किए गए थे।
रिंग ऑफ फायर में आता है जापान
जापान में भूकंप के झटके आना कोई नई बात नहीं है और यहां पर हर कोई इन झटकों के लिए तैयार रहता है। दरअसल जापान, रिंग ऑफ फायर की श्रेणी में आता है। रिंग ऑफ फायर धरती का वह इलाका है जो प्रशांत महासागर के नीचे स्थित है। यहां बड़ी संख्या में भूकंप आते हैं और ज्वालामुखी फटते हैं। क्या होता है रिंग ऑफ फायर वीकिपीडिया पर दी गई जानकारी के मुताबिक रिंग ऑफ फायर में कई ऐसी टेक्टॉनिक प्लेट्स भी होती हैं जो भूकंप के लिए जिम्मेदार होती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो भूकंप के साथ सुनाती आती है। इसके साथ ही ज्वालामुखी भी फटता है जैसा जापान में साल 2016 में हुआ था।
और कौन-कौन से देश रिंग ऑफ फायर में
विशेषज्ञों के मुताबिक दुनिया के 90 प्रतिशत भूकंप इसी रिंग ऑफ फायर में आते हैं और इसलिए ही जापान दुनिया का बेहद संवेदनशील देश है। रिंग ऑफ फायर का इलाक 40,000 किमी तक फैला हुआ है। आपको बता दें कि दुनिया में इस समय 75 प्रतिशत ज्वालामुखी इसी रिंग ऑफ फायर में स्थित हैं। इस रिंग ऑफ फायर में जापान के अलावा रूस, फिलिपींस, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, कनाडा, अमेरिका, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, कोस्टा रिका, पेरू, इक्वाडोर, चिली, बोलिविया जैसे देश आते हैं।