जापान ने 1995 केमिकल अटैक के दोषी धार्मिक नेता समेत 6 को फांसी पर लटकाया
टोक्यो। जापान के कट्टर धार्मिक नेता और 1995 गैस अटैक के दोषी शोको आसाहारा और उसके 5 अनुयायियों को शुक्रवार को सरकार ने मौत के घाट उतार दिया है। जापान के जस्टिस मिनिस्ट्री ने इस खबर की पुष्टी करते हुए कहा कि आसाहारा और उसके अनुयायियों को गैस अटैक समेत अन्य अपराधों में दोषी पाया, जिसके बाद उन सभी को फांसी पर लटका दिया गया है। जापान की सरकार ने 20वीं सदी के सबसे भयावह अपराध गैस अटैक में दोषी 63 वर्षीय आसाहारा को फांसी पर लटका कर एक भयावह चैप्टर को खत्म कर दिया।
धार्मिक
संगठन
ओम
शिनरिक्यो
के
सदस्यों
ने
20
मार्च
1995
में
जापान
की
राजधानी
टोक्यो
के
एक
कार
सबवे
में
घातक
रासायनिक
हथियार
सरीन
गैस
से
अटैक
किया
था।
प्लास्टिक
बैग
में
सरीन
गैस
से
किए
इस
अटैक
में
13
लोगों
की
दर्दनाक
मौत
और
6,000
लोग
बुरी
तरह
से
घायल
हो
गए
थे।
अलग-अलग
अपराध
में
सबवे
में
कुल
27
लोगों
की
जान
गई
थी।
टोक्यो
के
सबवे
अटैक
के
दोषी
आसाहारा
और
उसके
5
अन्य
अनुयायियों
को
इस
भयावह
अपराध
में
दोषी
पाया
गया
था।
हालांकि,
अभी
भी
6
लोगों
को
मौत
के
घाट
उतारा
जाना
बाकि
है।
जापान में इस खबर के बाद कुछ अखबारों ने स्पेशल एडिशन पब्लिश किया है। लोगों का मानना है कि आसाहारा की मौत से अब ऐसा लग रहा है कि एक बुरे युग का अंत हो गया है। जापान की सरकार ने शुक्रवार को जिन 6 लोगों को फांसी पर लटकाया, उनमें से दो वैज्ञानिक भी शामिल है, जिन्होने सरीन गैस का प्रोडक्शन किया था। वहीं, एक अन्य शख्स वह है, जिसने सबवे में गैस अटैक को अजांम दिया था।
असाहारा का असली नाम चिजुओ मात्सूमोतो था, जिसने 1984 में ओम शिनरिक्यो नाम से एक धार्मिक संगठन की स्थापना की थी। ओम शिनरिक्यो का मतलब उच्चतम सच्च होता है। आसाहारा ने इस दौरान टॉप यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हुए कई युवाओं को अपनी ओर आकर्षित किया, जिसमें से कई तो उसके बहुत खास बन गए।