जापान: मेडिकल कॉलेज चाहता था लड़के बने ज्यादा डॉक्टर, 18 साल तक लड़कियों के साथ होती रही नाइंसाफी
टोक्यो। जापान में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मेडिकल स्कूल में लड़कियों का एडमिशन जानबूझकर कम किया जा रहा था। टोक्यो मेडिकल स्कूल ने एक इंटर्नल इन्वेस्टिगेशन में सुनिश्चित किया है कि उन्होंने लड़कों को ज्यादा डॉक्टरों के रूप में देखने की वजह से जानबूझकर लड़कियों के स्कोर में धांधली की है। जापान मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टोक्यो मेडिकल कॉलेज में एंटरेंस टेस्ट रिजल्ट में 2000 से धांधली का काम चल रहा था।
इस इंटर्नल जांच में शामिल वकीलों द्वारा मंगलवार को जापानी मीडिया से रिपोर्ट को खुलासा किया। इस इन्वेस्टिगेशन के दौरान एक ब्यूरोक्रेट के बेटे के कथित रूप से गलत एडमिशन का हेरफेर सामने आया।
इंटर्नल जांच में पाया गया कि स्कूल ने पहले सभी आवेदकों के पहले चरण के स्कोर को 80 प्रतिशत तक घटा दिया था, फिर तीन या कम आवेदन प्रयासों वाले पुरुष आवेदकों को केवल 20 पॉइंट तक जोड़ा।
इस इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट से पता चला कि मेडिकल स्कूल कम महिलाओं को डॉक्टर के रूप में चाहता था, क्योंकि उनका मानना था कि जब वे मां बन जाएंगी, तब वे या तो अपने करियर को बीच में ही छोड़ देगी या फिर अपने काम को ही कम करे देगी।