
चीन के खिलाफ काउंटरस्ट्राइक करेगा जापान, पीएम का ऐलान, 5 साल में ड्रैगन को घेरने का बताया प्लान
सिंगापुर, 13 जून: शंगरी-ला संवाद (Shangri-La Dialogue) में ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच सार्वजनिक विवाद के बीच जापान का एक ऐसा बयान सामने आया है जो मीडिया जगत में इस वक्त सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने देश की सुरक्षा के संबंध में अपने एक बयान में कहा कि, उनका देश अगले पांच सालों में काउंटर-स्ट्राइक विकल्प सहित अपने सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में काम करेगा।

चीन के आगे नहीं झुकेगा जापान
जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा का शंगरी - ला संवाद में अपने रक्षा मंत्री के साथ परमाणु पड़ोसियों को लेकर जवाबी हमला करने की क्षमता का निर्माण करना दर्शाता है कि टोक्यो जल्द ही अपने शांतिवादी सिद्धांत को छोड़ने जा रहा है। पीएम फुमियो किशिदा के इस बयान से चीन में हड़कंप मच गया है। वहीं, जापान के पीएम के इस बयान ने ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच शंगरी-ला डॉयलाग के दौरान उत्पन्न विवाद को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
काउंटरस्ट्राइक सुनते ही चीन में मची हलचल
वहीं, चीन में जापान के पीएम के इस बड़े बयान के बाद हलचल मचना इसलिए सही माना जा रहा है क्योंकि,ऐसा माना जाता है कि 'काउंटरस्ट्राइक 'शब्द का सीधा संबंध परमाणु हमले से है। हालांकि, जापान शांतिप्रिय देश माना जाता है लेकिन चीन की कम्युनिस्ट सरकार की हरकतों को वह अब नजरअंदाज नहीं कर सकता है। इसलिए हम यह कह सकते हैं कि, ड्रैगन के रवैये को देखते हुए जापान अब जाग चुका है, वह अब चीन की हरकतों को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
पड़ोसियों को लगाई फटकार
इतना ही नहीं, जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने भी परमाणु से संपन्न अपने पड़ोसियों को परमाणु हथियार रखने, उसे विकसित करने और साथ ही नियमों का उल्लंघन करने के लिए फटकार लगाई है।
जापान चीन से भिड़ने को तैयार
बता दें कि, 24 मई को पूर्वी चीन सागर में चीन और रूस ने संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान ड्रैगन के खतरनाक मंसूबों के बारे में जापान को पता चला, जो कि एक खतरे का संदेश भी माना जा रहा है। ऐसे वक्त में जापान अपनी शक्ति का परिचय देते हुए चीन समेत अपने पड़ोसियों को फटकार लगाई है।
जापान अपनी सैन्य ताकत को करेगा मजबूत
शंगरी-ला डॉयलाग में चीनी मंत्री ने ताइवान के मामलों में हस्तक्षेप के लिए अमेरिका को निशाना बनाया, हालांकि, यहां से जो सबसे प्रमुख बात निकल कर सामने आई वह यह है कि, जापान ने चीन के खतरे को पहचानते हुए काउंटरस्ट्राइक, सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने की बात कही है।