अगर दोपहर 3 बजे तक चीन रहा चुपचाप तो आज बैन हो जाएगा जैश सरगना मसूद अजहर
यूनाइटेड नेशंस। भारत के लिए यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में आज का दिन काफी अहम होने वाला है। दोपहर तीन बजे इस बात पर फैसला हो जाएगा कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर बैन रहेगा या फिर पहले की तरह आजाद होकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता रहेगा। अगर इस समय तक चीन की तरफ से अजहर पर प्रतिबंध को लेकर कोई अड़ंगा नहीं लगाया जाता है तो फिर उस पर बैन जारी रहेगा। यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) में 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत अजहर पर प्रतिबंध का प्रस्ताव लाया गया है और अभी तक किसी सदस्य की ओर से कोई भी विरोध नहीं जताया गया है।
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पुलवामा हमले के बाद आया प्रस्ताव
पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सरगना अजहर पर प्रतिबंध के लिए अमेरिका, यूके और फ्रांस की ओर से पुलवामा आतंकी हमले के बाद बैन का प्रस्ताव लाया गया था। इस हमले की जिम्मेदारी जैश ने ली थी। यह चौथा मौका है जब अजहर पर बैन के लिए प्रस्ताव यूएनएससी में लाया गया है। जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद भी इस तरह का प्रस्ताव लाया गया था। लेकिन हर बार चीन ने इस प्रस्ताव पर 'तकनीकी' तौर पर अड़ंगा लगा दिया। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुतातबिक चीन का मानना है कि अभी तक इस बात के सुबूत नहीं मिले हैं जिससे अजहर को यूएन में प्रतिबंधित संस्था जैश से जोड़ा जाए।
कैसे लगेगा बैन
यूएन में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने इंडिया टुडे के साथ बातचीत में इस बैन पर अहम जानकारियां दी हैं। उन्होंने बताया है कि अगर साइलेंस पीरियड, जिस दौरान सुरक्षा परिषद का कोई सदस्य विरोध कर सकता है, वह 13 मार्च को खत्म हो जाता है तो फिर मसूद भी 1267 सैंक्शन लिस्ट में आ सकता है। इसे काउंसिल की तरफ से आगे बढ़ाया जाएगा और मसूद अजहर को सूची में डाल दिया जाएगा। सिक्योरिटी काउंसिल और प्रतिबंध समिति में 15 देश शामिल हैं।
चीन का खामोश रहना जरूरी
अशोक मुखर्जी ने बताया कि सदस्य देश को काउंसिल को फैक्स भेजकर या फिर चिट्ठी भेजकर अपने विरोध के बारे में बताना होता है। इस पर कोई भी मीटिंग नहीं होगी। अगर तीन बजे के बाद कोई विरोध नहीं होता है तो फिर अजहर अपने आप प्रतिबंधित सूची में आ जाएगा। इसके बाद काउंसिल की ओर से इस पर एक रिलीज जारी कर जानकारी सार्वजनिक कर दी जाएगी। लेकिन अगर फिर से कोई टेक्निकल होल्ड लगाया गया तो फिर कोई भी औपचारिक घोषणा नहीं की जाएगी।
क्या है 1267
यूनाइटेड नेशंस ने 1267सैंक्शन कमेटी 15 अक्टूबर 1999 को सिक्योरिटी काउंसिल ने आम सहमति से अपनाया था। उस समय उस लिस्ट में तालिबान, अलकायदा और दुनिया भर में फैले आतंकवादियों और आतंकी संगठनों को प्रतिबंधित करने के लिए उन्हें लिस्ट में डाला गया था। इस प्रस्ताव के तहत सिक्योरिटी काउंसिल किसी आतंकवादी या आतंकी संगठन को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी या आतंकवादी संगठन घोषित कर सकती है और उस पर व्यापक प्रतिबंध लगा सकती है। लिस्ट में नाम आते ही यूएन के सभी देश उसे आतंकवादी या आतंकी संगठन के रूप में मानकर कठोर रवैया अपनाते हैं।