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फेसबुक का अनसुना सच सिर्फ गोरों और पुरुषों को मिलती है नौकरी!

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कैलिफोर्निया। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक आज कई युवाओं के लिए एक आइडियल कंपनी के तौर पर है जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां पर 'वर्क कल्‍चर' बाकी कंपनियों से काफी अलग है।

अब उनका यह वहम फेसबुक की ही ओर से दी गई एक जानकारी से टूट सकता है।

सिलिकॉन वैली की अग्रणी कंपनियों में से एक फेसबुक में भी रंगभेद, सांस्‍कृतिक भेद और लिंगभेद हावी है और कंपनी में या तो गोरों को अहमियत दी जाती है या फिर पुरुषों को।

हाल ही में अपने 10 वर्ष पूरी करने वाली सोशल नेटवर्किंग साइट को इस समय दुनिया भर में 1.28 बिलियन लोग प्रयोग कर रहे हैं।

बुधवार को कंपनी की ओर से कुछ जानकारियां दी गई जिनके बारे में सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। सिर्फ फेसबुक ही नहीं बल्कि गूगल के आंकड़ें भी काफी हैरान करने वाले हैं।

आगे की स्‍लाइड्स में जानिए फेसबुक से जुड़े उन सच के बारे में जिनसे आप अभी तक अनजान थे।

6500 में से 31 प्रतिशत महिलाएं

6500 में से 31 प्रतिशत महिलाएं

कंपनी की ओर दी गई एक जानकारी के मुताबिक दुनिया भर से कंपनी के साथ 6,500 लोग बतौर कर्मचारी जुड़े हुए हैं जिनमें से सिर्फ 31 प्रतिशत महिलाएं हैं।

टेक्निकल टीम में पुरुषों को महत्‍ता

टेक्निकल टीम में पुरुषों को महत्‍ता

यह आंकड़ा उस समय और भी असंतुलित नजर आता है जब कंपनी की ओर से बताया गया कि इसकी टेक्निकल टीम में 85 प्रतिशत पुरुष कर्मचारी हैं।

रंगभेद का शिकार फेसबुक

रंगभेद का शिकार फेसबुक

फेसबुक की ओर से जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक अमेरिका में कंपनी के संचालन से जो लोग जुड़े हुए हैं, उनमें से 57 कर्मचारी गोरे यानी व्‍हाइट्स, 34 प्रतिशत एशियन, चार प्रतिशत हिस्‍पैनिक, दो प्रतिशत ब्‍लैक और तीन प्रतिशत दूसरी नस्‍ल के कर्मचारी हैं।

बाकी कंपनियों से आगे फेसबुक

बाकी कंपनियों से आगे फेसबुक

सिलिकॉन वैली में स्थित अगर दूसरी कंपनियों की तुलना इस मसले पर फेसबुक के साथ की जाए जो फेसबुक काफी आगे नजर आती है। फेसबुक में 77 प्रतिशत वरिष्‍ठ कर्मचारी सिर्फ पुरुष हैं। वहीं अमेरिका में कंपनी के 74 प्रतिशत कर्मचारी गोरे यानी व्‍हाइट, 19 प्रतिशत एशियन, चार प्रतिशत हिस्‍पैनिक, दो प्रतिशत ब्‍लैक और दो प्रतिशत दूसरी नस्‍ल के लोग हैं।

फेसबुक ने मानी सच्‍चाई

फेसबुक ने मानी सच्‍चाई

फेसबुक के ग्‍लोबल हेड मैक्‍साइन विलियम्‍स ने अपने ब्‍लॉग में लिखा है कि इन आंकड़ों से साफ है कि अभी कंपनी को काफी मेहनत करनी है ताकि वह दुनिया में अपनी एक अलग पहचान कायम कर सके। मैक्‍साइन के मुताबिक फेसबुक में काम करने वाले हर शख्‍स की जिम्‍मेदारी है कि वह इस दिशा में काम करे।

 70 प्रतिशत पुरुष, 61 प्रतिशत गोरे

70 प्रतिशत पुरुष, 61 प्रतिशत गोरे

फेसबुक के अलावा गूगल का भी यही हाल है। इस कंपनी में 70 प्रतिशत पुरुष कर्मचारी तो सिर्फ 30 प्रतिशत महिला कर्मी हैं। वहीं 61 प्रतिशत गोरों को कंपनी की अलग-अलग पोस्‍ट्स पर जगह दी गई है।

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English summary
Facebook not so diverse. If the data released by company are to be believed then it is true that Facebook is male dominated company where only whites are getting good jobs.
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