नेपाल ने इंडियन आर्मी को बताया येती नहीं, जंगली भालू के हैं पैरों के निशान
काठमांडू। नेपाल ने भारतीय सेना (Indian Army) से कहा है कि हिमालयन रेंज में स्थित मकालू बेस कैंप पर उसे जो विशाल पैरों के निशान दिखाई दिए हैं, वह किसी येती के नहीं बल्कि जंगली भालू के हैं। गौरतलब है कि सेना की ओर से सोमवार देर रात कुछ फोटोग्राफ्स ट्वीट कर मकालू में एक रहस्यमय प्राणी के पैरों के निशान देखे जाने का दावा किया गया था। सेना का कहना था कि ये निशान येती यानी हिममानव के हैं। सेना ने नेपाल-तिब्बत बॉर्डर के करीब मकालू-बारून संरक्षित क्षेत्र में इन निशानों को देखे जाने की बात कही थी।
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स्थानीय लोगों ने सेना के दावे को किया खारिज
सेना ने कहा था कि नौ अप्रैल को यह घटना हुई और पर्वतारोहियों की एक टीम का ध्यान इस पर गया था। सेना की ओर से कहा गया था कि पैरों के निशान 32X15 के हैं। वहीं सेना के साथ पोर्टर के तौर पर काम करने वाले स्थानीय लोगों की मानें तो ऐसा कुछ नहीं था। साथ ही नेपाल आर्मी के लाइजेन ऑफिसर ने भारतीय सेना के इन तर्कों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि इस तरह के निशान अक्सर इस इलाके में नजर आते रहते हैं। यह निशान जंगली भालू के पैरों के हैं न कि किसी येती के। नेपाल आर्मी के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल बिग्यान देव पांडेय ने भारतीय मीडिया से बात करते हुए कहा कि इंडियन आर्मी ने पैरों के निशान देखे थे और हमारी लाइजेन टीम उनके साथ थी। हमने सच का पता लगाने की कोशिश कि लेकिन स्थानीय लोगों और पोर्टर्स ने बताया कि यह जंगली भालू के पैरों के निशान हैं जो अक्सर इस इलाके में नजर आते रहते हैं।
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