एप्पल, सैमसंग पर फोन धीमे करने के आरोप, इटली ने ठोंका 126 करोड़ का जुर्माना
नई दिल्ली। इटली के कंज्यूमर अथॉरिटी ने मोबाइल कंपनी एप्पल पर 10 मिलियन यूरो (83.46 करोड़ रुपए) और सैमसंग पर 5 मिलियन यूरो (41.73 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया गया है। इन दोनों कंपनियों पर आरोप है कि इन्होंने जानबूझकर अपने ग्राहकों के फोन को धीमा किया है। अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि, दोनों ही कंपनियां गलत व्यापारिक नीतियों के तहत काम कर रही थी। दरअसल यह पूरा मामला एप्पल के आईफोन-6 , आईफोन-7 और सैमसंग के गैलेक्सी नोट 7 से जुड़ा हुआ है।
सॉफ्टवेयर अपडेट के बहाने जानबूझ कर ग्राहकों के फोन को धीमा कर दिया
अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि, दोनों कंपनियों ने सॉफ्टवेयर अपडेट के बहाने जानबूझ कर ग्राहकों के फोन को धीमा कर दिया और उसकी कार्यप्रणाली को बिगाड़ दिया, ताकि वही ग्राहक फिर से नया फोन खरीदें। प्राधिकरण का आरोप है कि, कई तरह के मॉलफंक्शन से ये कंपनियां धीरे-धीरे फोन की परफॉर्मेंस को घटा देती हैं। जिससे ये कंपनियां यूजर्स को नया मोबाइल लेने के प्रेरित करती हैं।
एप्पल पर लगा अधिक जुर्माना
बात अगर एप्पल के फोन की करें तो साल 2016 के सितंबर से एप्पल ने अपने आईफोन-6 के यूजर्स को बार-बार सॉफ्टवेयर अपडेट का नोटिफिकेशन भेजा था, जिसे अगली पीढ़ी के मॉडल आईफोन-7 को ध्यान में रखकर बनाया गया था। जब ग्राहकों ने सॉफ्टवेयर को अपडेट कर दिया तो उनके फोन की स्पीड कम हो गई और हैंग होने लगा। प्राधिकरण का कहना है कि, कंपनी ने यूजर्स को यह क्यों नहीं बताया कि इस अपडेट को करने से उनका फोन स्लो हो जाएगा तथा उसकी कार्यप्रणाली भी बिगड़ जाएगी। इस मामले में एक और अहम बात यह है कि, अथॉरिटी ने एप्पल पर सैमसंग से अधिक जुर्माना लगाया है। इसका कारण यह बताया गया कि, एप्पल ने अपने ग्राहकों को आईफोन की बैटरी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी नहीं दी। बता दें कि, आईफोन के कई पुराने मॉडल अपनी बैटरी की वजह से धीमे हो रहे हैं।
एंड्रॉयड का नया वर्जन इंस्टॉल करते ही फोन स्लो हो गए
वहीं सैमसंग ने गैलेक्सी नोट फोन रखनेवालों को गूगल के एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का नया वर्शन इंस्टॉल करने को कहा, जिसे हाल के गैलेक्सी नोट 7 को ध्यान में रखकर बनाया गया था। एंड्रॉयड का नया वर्जन इंस्टॉल करते ही फोन स्लो हो गए। सैमसंग ने अथॉरिटी के इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। सैमसंग ने कहा कि वह इटली के इस फैसले से निराश है और कंपनी इसके खिलाफ अपील करने की तैयारी कर रही है।
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