WHO में सुधार की पीएम मोदी अपील को मिला इटली का समर्थन, कोरोना वायरस में जांच की भी मांग
रोम। इटली ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) में सुधार के लिए भारत की मांग का समर्थन किया है। साथ ही देश ने कोरोना वायरस कैसे दुनिया में फैला, इसकी स्वतंत्र जांच की मांग की है। इटली को साल 2021 तो भारत को 2022 में जी20 की कमान मिलने वाली है। इटली कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित होने वाला छठां सबसे बड़ा देश है। यहां पर महामारी ने 33,229 लोगों की जान ले ली है। पूरी दुनिया में इस महामारी से मौतों का आंकड़ा 366,890 पर पहुंच गया है।
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26 मार्च को मिले जी20 नेता
इटली के यूरोपियन मामलों के मंत्री विनसेनजो एमेनडोला ने इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में भारत को लेकर अहम टिप्पणी की है। एमेनडोला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस अपील को अपना समर्थन दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि डब्लूएचओ में अब सुधार की जरूरत है। एमेनडोला ने कह, 'डब्लूएचओ ने इस संकट के समय उस तरह से अपना काम नहीं किया, जैसा उसे करना चाहिए था। उन्होंने इस बात की स्वतंत्र जांच नहीं कराई कि चीन में जब कोविड-19 फैल रहा था तो उस समय वहां पर क्या हो रहा था।' उनके शब्दों में, 'आपके पीएम ने सही कहा था कि क्योंकि दुनिया का बहुपक्षीय आयाम वर्तमान समय में खतरों और मौकों के मुताबिक नहीं है। डब्लूएचओ ने अपना का सही से नहीं किया और उन्होंने बहुत देर की और बहुत सी समस्याएं हैं।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मार्च को जी20 देशों के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर हुई मीटिंग में डब्लूएचओ में सुधार पर जोर दिया था।
भारत और इटली देंगे दुनिया को नया रूप
मंत्री एमेनडोला ने कहा कि भारत की तरफ से डब्लूएचओ में सुधार की मांग को उसका समर्थन है। एमेनडोला की तरफ से कहा गया है कि भारत और इटली दोनों ने ही कोविड-19 के बाद दुनिया की व्यवस्था को आकार देने में मददगार साबित होने वाले हैं। उनके मुताबिक ग्लोबल सप्लाई और वैल्यु चेन के साथ ही महामारी की वजह से दुनिया की जो अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है, उसे इटली और भारत की तरफ से बड़ी मदद मिलने वाली है। एमेनडोला ने यूरोप और भारत को 'बहनें' बताया है। उनका कहना है कि दोनों देशों को साथ में मिलकर काम करने की जरूरत है। आपसी सहयोग से जी20 के एजेंडा को नया रूप मिलेगा और दुनिया की व्यवस्था में बदलाव को मदद मिल सकेगी।