प्राइवेट कंपनियों के लिए 'मक्का' बनेगा ISRO, नासा की तर्ज पर अंतरिक्ष में छलांग लगाने की तैयारी
इसरो का पहला और एकमात्र सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र यानि एसडीएससी आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित है। अब इसी तरह का एक और अंतरिक्ष केंद्र तमिलनाडु में कुलसेकरपट्टिनम के पास थूथुकुडी में बनाया जा रहा है।
नई दिल्ली, जून 28: अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा की तर्ज पर इसरो ने भी भारतीय स्पेस एजेंसी प्रोग्राम का लोहा पूरी दुनिया में मनवा दिया है। अब प्राइवेट कंपनियां भी भारत में रॉकेट लॉन्च कर सकेंगी। वे सरकार से अनुमति लेकर देश के भीतर और बाहर, कहीं से भी रॉकेट लॉन्च कर सकते हैं। इसके साथ ही भारत के अंतरिक्ष विभाग को इसरो की लॉन्च साइट तैयार करने का मौका दिया जा रहा है। इसके लिए इसरो ने अपनी नई अंतरिक्ष नीति का ड्राफ्ट जारी कर दिया है।
तामिलनाडु में नया अंतरिक्ष केन्द्र
इसरो का पहला और एकमात्र सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र यानि एसडीएससी आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित है। अब इसी तरह का एक और अंतरिक्ष केंद्र तमिलनाडु में कुलसेकरपट्टिनम के पास थूथुकुडी में बनाया जा रहा है। इसके लिए इसरो देश की निजी कंपनियों को मैका देना चाहता है। नई नीति के ड्राफ्ट में कहा गया है कि कंपनियों को IN-SPACe यानि इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर से मंजूरी लेनी होगी। आपको बता दें कि IN-SPACe इसरो का एक हिस्सा है जो स्वतंत्र रूप से काम करता है। इसे हाल ही में अंतरिक्ष क्षेत्र में मैनेजमेंट को संभालने के लिए बनाया गया है।
बाजार में हिस्सेदारी बढ़ेगी
इसको के प्रमुख के सिवन ने कहा कि निजी कंपनियां इसरो के साथ साझेदारी कर सकती हैं और अंतरिक्ष परिवहन के क्षेत्र में भविष्य के कार्यक्रमों का हिस्सा बन सकती हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिवहन नीति के माध्यम से भारत की निजी कंपनियां वैश्विक स्तर पर लॉन्च सेवाओं की बाजार हिस्सेदारी बढ़ाएंगी। लॉन्च वाहनों के निर्माण और लॉन्चिंग के अलावा, निजी कंपनियां अपनी लॉन्च साइट भी बना सकती हैं। साथ ही वे हमारी लॉन्च साइटों पर लॉन्च पैड भी बना सकते हैं।
कंपनियां दे सकती हैं सुझाव
नेशनल स्पेस लॉन्च पॉलिसी के ड्राफ्ट 2020 के मुताबिक, दिशा-निर्देश और प्रक्रिया जारी कर दी गई है और उसे अब सार्वजनिक कर दिया गया है। इसमें कंपनियों से 21 जुलाई तक सुझाव मांगे गए हैं। राष्ट्रीय परिवहन अंतरिक्ष नीति 2020 का उद्देश्य निजी कंपनियों को अंतरिक्ष परिवहन व्यवस्था में अवसर देना है। आपको बता दें कि इसरो ने भी अब नासा की तरफ ही काम करना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ सालों से नासा ने भी अपने प्लेटफॉर्म को निजी कंपनियों के लिए खोल रखा है। नासा के प्लेटफॉर्म से ही दुनिया के सबसे बड़े कारोबारी एलन मस्क अपने सैटेलाइट को स्पेस में लॉन्च करते हैं और एलन मस्क की स्पेस कंपनी ने अपना लॉंच पैड भी नासा की मदद से तैयार किया है। प्राइवेट कंपनियों के आने से इसरो के पास काफी ज्यादा पैसा आएगा, जिससे भारत के स्पेस प्रोग्राम के विकास में काफी मदद मिलेगी।