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भ्रष्टाचार के आरोपों पर बोले इसराइली पीएम नेतन्याहू, 'विरोधियों का दुष्प्रचार'

इन आरोपों की वजह से वो और उनकी दक्षिणपंथी पार्टी आने वाले चुनावों में काफी मुश्किलों का सामना कर सकती है. आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि अगर ये आरोप साबित हो जाते हैं तो गठबंधन बिखर भी सकता है.

लेकिन अगर नेतन्याहू अपनी कुर्सी बचाए रखने में कामयाब हो जाते हैं तो वो इसराइल में सबसे लंबे वक़्त तक पद पर बने रहने वाले प्रधानमंत्री बन जाएंगे.

By BBC News हिन्दी
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बेन्यामिन नेतन्याहू
AFP
बेन्यामिन नेतन्याहू

इसराइल के अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि वो प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के मामले में अभियोग लगाना चाहते हैं.

अटॉर्नी जनरल अविखाई मंडेलब्लिट ने कहा कि वो नेतन्याहू पर धोखाधड़ी, विश्वासघात और रिश्वत लेने के मामले में अभियोग लगाने पर विचार कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर आरोप है कि उन्होंने बड़े और संपन्न व्यापारियों से महंगे उपहार लिए.

पीएम नेतन्याहू ने तमाम आरोपों को ग़लत बताया है. वो इन आरोपों को अप्रैल महीने में होने वाले चुनावों के पहले विपक्ष का दुष्प्रचार बता रहे हैं.

एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा "मुझ पर अभी जो भी आरोप लग रहे हैं वो आने वाले समय में ताश के पत्ते की तरह गिर जाएंगे."

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि चुनाव के पहले उनके ख़िलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है.

प्रधानमंत्री के पास अंतिम सुनवाई के दौरान पक्ष रखने का मौका होगा. बहुत हद तक संभव है कि ये सुनवाई चुनाव के बाद होगी.

क्या है मामला?

नेतन्याहू पर महंगे उपहार स्वीकार करने के लिए धोखाधड़ी और विश्वासघात करने का आरोप है. उन पर आरोप है कि उन्होंने इसराइल में जन्मे हॉलीवुड फ़िल्म निर्माता अर्नोन मिल्शन को अमरीकी वीज़ा दिलाने में मदद करने और टैक्स में रियायत देने के बदले महंगे उपहार लिए. जिसमें सिगार, पिंक शैंपेन और गहने शामिल हैं.

दो अन्य मामलों में उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का लाभ उठाते हुए अपने हक़ में मीडिया कवरेज़ कराई.

बेन्यामिन नेतन्याहू
Reuters
बेन्यामिन नेतन्याहू

अटॉर्नी जनरल का कहना है कि दोनों ही मामलों में उन पर धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोप हैं और एक में रिश्वत लेने का मामला है. इन सभी मामलों में से सबसे संदिग्ध मामला इसराइल की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बेजेक़ के मालिक शॉल एलोविच के साथ उनकी नज़दीकी का है. नेतन्याहू पर आरोप है कि अपने लिए सकारात्मक कवरेज के लिए उन्होंने टेलीकॉम कंपनी को फ़ायदा पहुंचाया.

हालांकि एलोविच ख़ुद भी कानूनी मामलों का सामना कर रहे हैं और उन्होंने अपने ऊपर लगने वाले हर एक आरोप का खंडन किया है.

पद छोड़ने की मांग

नेतन्याहू पर लगे आरोपों के बाद विपक्षी पार्टियां उन्हें पद से हटाए जाने की मांग कर रही हैं. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि आरोप लगने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री के पद पर नहीं होना चाहिए.

हालांकि अटॉर्नी जनरल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नेतन्याहू को अपने पद पर बने रहना चाहिए या पद से हट जाना चाहिए, इसका फ़ैसला सुप्रीम कोर्ट ही करेगी.

नेतन्याहू की पार्टी ने अटॉर्नी जनरल के बयान पर विरोध जताया है.

पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा, "ये राजनीतिक उत्पीड़न है."

उन्होंने आगे कहा, "चुनाव से ठीक एक महीने पहले अटॉर्नी जनरल की ये एकतरफ़ा घोषणा सही क़दम नहीं है. प्रधानमंत्री को इन झूठे आरोपों का खंडन करने का अवसर दिए बिना ऐसी घोषणा करना एक निंदनीय कदम है."

आरोपों का क्या असर होगा?

ये आरोप काफी महत्वपूर्ण और परिस्थितियों को पलटने वाले साबित हो सकते हैं क्योंकि नेतन्याहू पहले से ही एक गठबंधन सरकार चला रहे हैं.

बेन्यामिन नेतन्याहू
Reuters
बेन्यामिन नेतन्याहू

इन आरोपों की वजह से वो और उनकी दक्षिणपंथी पार्टी आने वाले चुनावों में काफी मुश्किलों का सामना कर सकती है. आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि अगर ये आरोप साबित हो जाते हैं तो गठबंधन बिखर भी सकता है.

लेकिन अगर नेतन्याहू अपनी कुर्सी बचाए रखने में कामयाब हो जाते हैं तो वो इसराइल में सबसे लंबे वक़्त तक पद पर बने रहने वाले प्रधानमंत्री बन जाएंगे.

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English summary
Israeli Prime Minister Netanyahu speaks of corruption propaganda
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