पाकिस्तान में भगवान कृष्ण के मंदिर निर्माण का रास्ता साफ, इस्लामाबाद HC ने खारिज की याचिका
नई दिल्ली। पाकिस्तान के इस्लामाबाद में बनने वाले पहले हिंदू मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इमरान खान सरकार के सत्तारूढ़ सहयोगी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्वैड (पीएमएल-क्यू) द्वारा मंदिर निर्माण के विरोध के बाद मामला इस्लामाबाद उच्च न्यायालय पहुंच गया था जहां से पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को बड़ी राहत मिली है। मंगलवार देर रात इस केस में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए हिंदू मंदिर के निर्माण को चुनौती देने वाली तीन समान याचिकाओं को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश आमेर फारूक की एकल पीठ ने इस मामले की सुनवाई की।
पाकिस्तान में हिंदू मंदिर बनने का रास्ता साफ
बता दें कि पाकिस्तान के इस्लामाबाद में पहला हिंदू मंदिर बनने जा रहा है। 10 करोड़ पाकिस्तानी रुपए की लागत से बनने वाले इस मंदिर की 24 जून को आधारशिला रखी गई थी। इस्लामाबाद में तैयार हो रहे मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित की जाएगी। मंदिर राजधानी के एच-9 क्षेत्र में 20 हजार वर्ग फुट में बनाया जाएगा। चुनाव जीतने के एक वर्ष पहले इमरान खान ने भगवान कृष्ण के मंदिर को बनाने की इजाजत दी थी। इसके लिए स्थानीय हिंदू समुदाय को जमीन भी दी गई थी। लेकिन अब पाकिस्तान अहम इस्लामिक संस्था ने मंदिर के खिलाफ विरोध जताना शुरू कर दिया है।
याचिका में कही गई ये बात
इस सिलसिले में एक फतवा भी जारी किया गया था जिसमें कहा गया कि इस्लाम धर्म किसी नए मंदिर निर्माण की इजाजत नहीं देता है। मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय को बड़ी राहत मिली है। न्यायाधीश आमेर फारूक की एकल पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हिंदू पंचायत संस्थान पर मंदिर निर्माण करने के लिए कोई रोक नहीं लगाई गई है। बता दें कि मंदिर निर्माण के खिलाफ अपनी याचिका में पीएमएल-क्यू ने दाव किया था कि इस्लाम की भावना के खिलाफ है।
श्री कृष्ण मंदिर होगा नाम
इमरान सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्री पीर नूरुल हक पहले ही मंदिर निर्माण के लिए विशेष अनुदान का मामला प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने उठा चुके हैं। मंदिर निर्माण में करीब 10 करोड़ रुपए की लागत आएगी। मिली जानकारी के मुताबिक इस्लामाबाद हिंदू पंचायत ने मंदिर का नाम श्री कृष्ण मंदिर रखा है। इस मंदिर के लिए वर्ष 2017 में जमीन दी गई थी। मंदिर परिसर 20 हजार वर्ग फुट में फैला होगा, इसमें एक श्मशान घाट और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग स्थल बनाए जाएंगे।
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