जानिए कैसे ISIS सरगना बगदादी अपनी अरबों रुपयों की दौलत को छिपाकर रखता था
वॉशिंगटन। पिछले दिनों सीरिया में हुई मिलिट्री रेड के दौरान आईएसआईएस के सरगना अबु बकर अल-बगदादी को ढेर कर दिया गया है। बगदादी शायद अल कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के बाद पहला ऐसा आतंकी था जिसने दुनिया को दहशत में डाल दिया था। बगदादी न सिर्फ दुनिया का खूंखार बल्कि दुनिया का सबसे अमीर आतंकी भी था। उसके पास इतनी दौलत थी कि उसने देखते ही देखते आतंकी संगठन आईएसआईएस को खड़ा कर दिया था। वह खुद जिस तरह से छिपने में उस्ताद था, उसी तरह से वह अपने पैसे को छिपाकर रखने में भी माहिर था। बगदादी के सिर पर अमेरिका ने साल 2016 में ईनाम की राशि को बढ़ाकर 25 मिलियन कर दिया था।
फोर्ब्स की लिस्ट में सबसे ताकतवर
बगदादी साल 2018 में जारी हुई फोर्ब्स की सबसे ताकतवर लोगों की लिस्ट में नंबर 73 पर था। उसके पास करीब 25 मिलियन डॉलर थे और बताया जाता है कि यह रकम उसने इराके के रेगिस्तान में ही छिपाकर रखी थी। किसी को भी नहीं पता लग पाता था कि बगदादी ने अपना पैसा कहां छिपाया है और वह जहां भी रहता वहीं इस रकम को रखता। 25 मिलियन डॉलर को अगर कैश में तब्दील किया तो भारतीय रुपयों में यह रकम करीब 170 करोड़ रुपए से भी ज्यादा आती है।
रिश्तेदार ने की मुखबिरी
बगदादी के करीबी रिश्तेदार की तरफ से अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी सीआईए को बगदादी के बारे में टिप मुहैया कराई गई थी। इस मुखबिर ने न सिर्फ बगदादी के बारे में जानकारी दी बल्कि उसके अड्डे की हर छोटी से छोटी जानकारी भी सीआईए को दी। बगदादी के करीबियों में एक ने बताया कि आईएसआईएस आतंकियों ने इराक के अल-अनबर रेगिस्तान में करोड़ों डॉलर दबाकर रखे थे। एक बार इस रकम को बगदादी के आतंकी भी नहीं तलाश पाए थे। तब इसे चरवाहों की मदद से खोजा गया।
हर बार बदलता था ठिकाना
बगदादी के करीबी ने बताया था कि आतंकी पांच से छह मीटर की चौड़ाई के साथ आठ मीटर लंबी सुरंग में छिपा है। वहां एक लाइब्रेरी, धार्मिक पुस्तकें, कुरान और कई तरह की धार्मिक पुस्तकें रखी थीं सुरंग में रोशनी और अन्य जरूरी चीजें होने के कारण इसे बगदादी के छिपने की सबसे बेहतर जगह माना जाता था। बगदादी लगातार अपना ठिकाना बदलता रहता था। वह सुरक्षा एजेंसी की जानकारी में आ चुके ठिकाने पर कभी नहीं छिपता था।
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साल 2016 में बढ़ाया गया था इनाम
अमेरिका ने बगदादी पर साल 2016 में इनाम की राशि को बढ़ा कर 25 मिलियन डॉलर कर दिया था। यह इनामी राशि दोगुने से भी ज्यादा है। अमेरिकी विदेश विभाग ने 'रिवॉर्ड्स फॉर जस्टिस प्रोग्राम' के तहत यह ऐलान किया था। विदेश विभाग की ओर से तब कहा गया था कि ईनाम कैश में दिए जाएगा और यह किसी भी ऐसे व्यक्ति को दिया जाएगा जो बगदादी की लोकेशन, उसकी गिरफ्तारी या फिर उसकी सजा में मदद करेगा। बगदादी ने जून 2014 में खुद को खलीफा घोषित किया था।