अफगानिस्तान में सिखों और हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए हमले की जिम्मेदारी ली आईएसआईएस ने
ईस्टर्न अफगानिस्तान के जलालाबाद में रविवार को हुए एक आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है। बस पर हुए इस आत्मघाती हमले में करीब 19 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें ज्यादातर हिंदु और सिख थे। हमला उस समय हुआ जब अल्पसंख्यक समुदाय के लोग नरगरहार प्रांत में गर्वनर के घर जा रहे थे।
काबुल। ईस्टर्न अफगानिस्तान के जलालाबाद में रविवार को हुए एक आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है। बस पर हुए इस आत्मघाती हमले में करीब 19 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें ज्यादातर हिंदु और सिख थे। हमला उस समय हुआ जब अल्पसंख्यक समुदाय के लोग नरगरहार प्रांत में गर्वनर के घर जा रहे थे। इन लोगों को यहां पर राष्ट्रपति अशरफ घनी से मुलाकात करनी थी। इस हमले में सिख समुदाय के लोकप्रिय नेता अवतार सिंह खालसा की भी मौत हो गई है। हमले में 20 लोग घायल भी हुए थे।
डर के मारे पलायन कर रहे सिख और हिंदु
आईएसआईएस की ओर से सोमवार को एक बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया है कि उन्होंने हमले में उन लोगों को निशाना बनाया है जो बहुत से देवताओं में यकीन रखते हैं। आईएसआईएस पहले भी मुसलमान आबादी वाले अफगानिस्तान में सिखों और मुसलमानों को निशाना बना चुका है। सन् 1970 मे अफगानिस्तान में करीब 80,000 से ज्यादा सिख और हिंदु रहते थे लेकिन आज इनकी संख्या सिर्फ़ 1,000 ही रह गई है। हमले में मारे गए सिख नेता अवतार सिंह खालसा अक्टूबर में होने वाले संसदीय चुनावों में अफगानिस्तान की हिंदु और सिख समुदाय के लिए आरक्षित एकमात्र सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। जिस समय हमला हुआ वह राष्ट्रपति अशरफ घनी से मिलने जा रहे थे। राष्ट्रपति घनी तीन दिनों जलालाबाद दौर पर थे और एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने के लिए रवाना हुआ था। खालसा इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
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