क्या Corona से चीन में एक लाख से ज्यादा मरे, नई खोजी रिपोर्ट में खुलासा
क्या चीन में कोरोना से एक लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है ? क्या चीन कोरोना से हुई मौत के सबूतों को नष्ट कर रहा है ? क्या चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने अपनी इज्जत बचाने के लिए कोरोना से हुई मौत के वास्तविक आंकड़ों को छिपा लिया ? इंग्लैंड के अखबार डेली मेल ने रविवार को एक खोजी खबर प्रकाशित की है । खोजी पत्रकार जॉर्ज नोवेल्स ने स्थानीय लोगों से मिली जानकारी और कुछ सबूतों के आधार पर लिखा है कि चीन, मौत के वास्तविक आंकड़ों पर पर्दा डाल रहा है। कुछ ऐसे वीडियो फुटेज मिले हैं जिससे पता चलता है कि चीन ने कोरोना के सच को छिपाया है। चीन ने आधिकारिक रूप से केवल 3341 लोगों के मरने की बात मानी है जब कि संडे मेल की रिपोर्ट में कहा गय़ा है कि चीन में मौत की संख्या सरकारी आंकड़े से 40 गुना अधिक हो सकती है। यानी चीन में मरने वालों की संख्या एक लाख से अधिक होने का अनुमान है।
क्या हैं संडे मेल की रिपोर्ट का आधार ?
अखबार को कुछ ऐसे प्रमाण मिले हैं जो चीन की झूठ की तरफ इशारा करते हैं। फरवरी में जब चीन में कोरोना का कहर चरम पर था तब वुहान में शवों को जलाने के लिए शवदाह गृह 24 घंटे काम कर रहे थे। तब रोज हजारों शव जलाये जा रहे थे। स्वास्थ्यकर्मी मजदूरों की तरह खट रहे थे। केवल उस समय ही 10 हजार से अधिक शवों को जलाये जाने का अनुमान है। इतना ही नहीं जब मृतकों की संख्या बढ़ने लगी तो शव को ऑन स्पॉट जलाने के लिए जलती-फिरती शव भट्ठियां भी वहां भेजी गयीं। जब वुहान से लॉकडाउन खत्म हुआ तो दस हजार (अन्य श्रोत के मुताबिक 40 हजार) से अधिक अस्थि कलश कोरोना मृतकों के परिजनों को सौंपे गये थे। 10 मार्च को चीनी राष्ट्रपति जिनपेंग वुहान आने वाले थे। उस समय अस्पतालों में कई मरीज थे। लेकिन वुहान के अधिकारी राष्ट्रपति जिनपेंग को यह दिखाना चाहते थे कि अब यहां कोरोना पर विजय प्राप्त कर ली गयी, इसलिए अस्पताल से सभी रोगियों को घर जाने की इजाजत दे दी गयी। 8 अप्रैल को जब वुहान में लॉकडाउन खत्म किया गया तो एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में दिख रहा है कि वुहान के चिकित्साकर्मी रात में एक शव को लेकर जा रहे हैं। उस समय गली में कोरोना से अचेत पड़ा हुआ एक व्यर्ति भी दिखायी पड़ रहा है। एक दूसरे वीडियो में दिख रहा है कि अछूत समझे जाने पर कैसे हुबेई प्रांत के नागरिक दंगे पर उतर जाते हैं।
बिना उचित इलाज के मरीजों को निकाला
चीन की एक विक्षुब्ध नागरिक जेनिफर जेंग के मुताबिक जब चीन में कोरोन वायरस तेजी से फैला था तब वुहान में 15 अस्थायी अस्पताल बनाने गये थे। लेकिन जैसे ही राष्ट्रपति जिनपेंग के वुहान आने का कार्यक्रम बना स्थानीय अधिकारियों ने अस्पताल में भर्ती लोगों को बिना ठीक से इलाज किये ही घर भेज दिया। अस्पताल से कोरोना रोगियों और उनकी मौत से जुड़ी सभी निशानियां खत्म कर दी गयी। वुहान के अस्पताल को कोरोना मुक्त दिखा कर चीनी राष्ट्रपति को आश्वस्त कर दिया गया। दरअसल चीन अपनी ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियों को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए परेशान था। हुबेई प्रांत और उसकी राजधानी वुहान को कोरोना मुक्त दिखाने के लिए स्थानीय प्रशासन पर दबाव था। इसलिए वुहान को हड़बड़ी में लॉकडाउन से फ्री कर दिया गया और कल-कारखाने फिर खुल गये। इस बीच अब खबर आ रही है कि वुहान में फिर कोरोना का संक्रमण शुरू हो गया है।
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मृतकों की संख्या एक लाख से अधिक?
मेल ऑनलाइन संडे के गुआंगशी (चीन का एक प्रांत) संवाददाता का कहना है कि चीन में कोरोना मृतकों की सही संख्या, सरकारी आंकड़े (3341) का 40 गुना अधिक है। मृतकों की संख्या एक लाख से अधिक होने का अनुमान है। वुहान में जिस तेजी से कोरोना कहर टूटा था उससे मौत का सिलसिला बंद ही नहीं हो रहा था। केवल बुहान में ही 40 हजार अस्थि कलश उनके परिजनों को सौंपे गये थे। चीन अधिकारियों मे मृतकों के परिजनों को ये सख्त आदेश दिया था कि वे अस्थि कलश से ही विधि-विधान सम्पन्न करें। वह भी बिल्कुल चुचाप और बिना किसी तामझाम के। चीन के लोग साम्यवादी तानाशाही के डर से भले कुछ न बोलें लेकिन वे जानते हैं कि कोरोना मौत पर झूठा अंकड़ा पेश किया गया है। हाल ही में गुआंगशी प्रांत के कुछ अधिकारियों को 1000 रेन्मिनबी ( चीन की मुद्रा जिसकी मुख्य इकाई युआन है) यानी 114 डॉलर का इनाम दिया गया था। इन अधिकारियों ने सरकार को बताया था कि हुबेई प्रांत से कितने कोरोना संक्रमित गुआंगशी आये थे। एक वीडियो में दंगे-फसाद का दृश्य है। हुबेई प्रांत और जियांग्शी प्रांत की सीमा पर एक पुल है। यहां हुबेई प्रांत की पुलिस वाहनों में भर कर लोगों के लायी है। हुबेई के लोग जब पुल पार कर जियांग्शी प्रांत में प्रवेश करने लगते हैं तो वहां की पुलिस उन्हें रोकने लगती है। इसके बाद हुबेई और जियांग्शी पुलिस के बीच मारपीट शुरू हो जाती है। लोग भी आपस में लड़ने लगते हैं। ये मार्च की घटना है। इस घटना के बाद भी चीन ने जियांग्शी प्रांत में कोरोना मरीजों की संख्या केवल एक हजार ही बताया था। जब कि वहां हुबेई से संक्रमितों के जाने के बाद स्थिति बदल गयी थी।