इरमा तूफान: 63 लाख लोग संकट में, 28 की मौत, भारतीयों ने दी मंदिरों में शरण
फ्लोरिडा। कैरेबियाई द्वीप से शुरू हुआ इरमा तूफान दक्षिणी अमेरिका के फ्लोरिडा के तट को छुने के बाद अपने चरम पर है। इस तुफान से 28 लोगों की मौत और 63 लाख से ज्यादा लोगों को फ्लोरिडा छोड़ने के लिए कहा गया है, जिसमें लाखों भारतीय भी है। कैरेबियाई द्वीपों की तबाही मचाने के बाद इरमा ने रविवार को फ्लोरिडा में प्रवेश किया है। इस तूफान से हजारों घर और कई बिजनेस बिल्डिंग तहस-नहस हो गई है। तूफान से निपटने के लिए राहत और बचाव कार्मियों के साथ कई इंडियन-अमेरिकन नागरिक भी मदद के लिए आगे आए हैं।
भारतीय दे रहे हैं मंदिरों में पनाह
इरमा तूफान के फ्लोरिडा में प्रवेश करने के बाद लाखों लोगों को पलायन होने के लिए मजबूर कर दिया है। भारतीय सामाजिक संगठन भी इस आपदा की घड़ी में आगे आए हैं। गुजरात समाज अटलांटा और हिंदू टेंपल ऑफ अटलांटा ने मिलकर 3 राहत शिविर स्थापित किए हैं। इसमें ठहरने और खाने पीने की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा अटलांटा और आस पास के इलाकों में रहने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी अपने दोस्तों और परिजनों के सदस्यों को अपने-अपने घरों में पनाह दे रहे हैं
30 लाख से ज्यादा घरों बिजली गुल
इरमा तूफान से फ्लोरिडा में 30 लाख 40 हजार घरों से बिजली नहीं है। वहीं, मियामी शहर के 80 प्रतिशत घरों में बिजली नहीं है और शहर का ज्यादातर पार्ट बाढ़ से बह गया है। इस तूफान ने अमेरिका के दक्षिणी हिस्से को भयंकर नुकसान पंहुचाया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिम तट के अधिकतर हिस्सों के आस-पास बाढ़ आने का खतरा है।
सदी का सबसे खतरनाक तूफान
इस तूफान से 130kmph की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही है। तेज हवाओं के साथ तेज बारिश और समुद्र से उठती करीब 5 से 6 फीट ऊंची लहरों ने लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। कैरेबियन द्वीप बारबूडा और सेंट मार्टिन में तो इस तूफान ने जमकर तबाही मचाई है। इरमा ने बारबूडा द्वीप का 95 प्रतिशत पूरी तरह से खत्म कर दिया है। अटलांटिक में इस तूफान को सदी का सबसे खतरनाक बताया जा रहा है।