ईरान के राष्ट्रपति रूहानी ने दी ट्रंप को धमकी, कभी ईरान को धमकी देने की गलती मत करना
तेहरान। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी की तरफ से करीब एक हफ्ते से जारी टकराव के बीच अमेरिका और इसके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पहली बार धमकी दी गई है। रूहानी ने ट्वीट किया है और कहा है कि कभी ईरान या किसी ईरानी को धमकाने की हिमाकत न करें। कमांडर कासिम सुलेमानी की बगदाद एयर स्ट्राइक में हुई मौत के बाद रूहानी की तरफ से पहली प्रतिक्रिया है। आपको बता दें कि ट्रंप, ईरान के 52 सांस्कृतिक ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी दे चुके हैं।
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ट्रंप को याद दिलाया 290 का नंबर
हसन रूहानी ने कमांडर सुलेमानी की मौत के बाद पहली बार ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'जो लोग हमें 52 नंबर बताते हैं उनको 290 नंबर भी याद रखना चाहिए। ईरान को कभी धमकी ना दें।' रूहानी का ये ट्वीट चार जनवरी का है। उनका ट्वीट ट्रंप की तरफ से किए गए उस ट्वीट का जवाब है जिसमें ट्रंप ने ईरान के 52 ठिकानों पर हमले की धमकी दी थी। ट्रंप ने शनिवार को ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, ' हमनें 52 ईरानी साइट्स की पहचान कर ली है जो ईरान और उसकी संस्कृति के लिए अहम हैं। वो सभी हमारे निशाने पर हैं। ईरान ने अगर अमेरिका पर हमला किया तो बहुत तेजी और मजबूती से इसका जवाब दिया जाएगा।' रूहानी ने जिस 290 का जिक्र किया है, वह अमेरिका के दिल पर एक ऐसा जख्म है जिसे वह चाहकर भी नहीं भूला पा रहा है।
विदेश मंत्री को वीजा देने से इनकार
अप्रैल 1988 में ईरान के प्लेन पर यूएस नेवी ने मिसाइल अटैक किया था। इस हमले में 290 लोग मारे गए थे। इसके बाद ईरान ने प्रतिक्रियात्मक तौर पर एक्शन लिया और नेवी की एक वॉरशिप सैमुएल राबर्ट्स को डुबा दिया था। ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव के बाद अमेरिकी सरकार ने ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जारीफ को वीजा देने से इनकार कर दिया है। जावेद जारीफ को यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) की न्यूयॉर्क में होने वाली मीटिंग के लिए जाना था।