सात वर्षों बाद ईरान के लीडर खामनेई को आई कश्मीर की याद, मुसलमानों से की एकजुट होने की अपील
तेहरान। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्ला खामनेई ने ईद के मौके पर कश्मीर का जिक्र किया है। खामनेई ने कश्मीर का जिक्र यमन और बहरीन जैसे देशों के साथ किया। उन्होंने कश्मीर को एक देश बताते हुए मुसलमानों को इसके लिए एक साथ आने की अपील की। खामनेई ने ट्विटर के जरिए कश्मीर से जुड़ा संदेश लोगों को दिया है। हालांकि जिस ट्विटर हैंडल के जरिए उन्होंने कश्मीर का जिक्र छेड़ा है वह वैरीफाइड एकाउंट नहीं है। न ही अभी तक ईरान की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया आई है। भारत सरकार की ओर से इस पर हालांकि एक औपचारिक विरोध दर्ज करा दिया गया है।
कश्मीर को बताया एक अलग देश
खामनेई ने ट्विटर पर लिखा, 'कश्मीर, बहरीन और यमन देशों और यहां रहने वाले लोगों का समर्थन करना चाहिए और उन शोषकों और तानाशाहों को अलग-थलग कर देना चाहिए जिन्होंने रमजान के दौरान लोगों पर हमला किया।' भारत और ईरान के रिश्ते काफी दोस्ताना हैं। दोनों देश पाकिस्तान और चीन के प्रभाव को कम करने के लिए चाबहार बंदरगाह पर भी काम कर रहे हैं। लेकिन खामेनेई का नया बयान और उनकी ओर से कश्मीर का जिक्र मुस्लिम देशों के बीच एक मुद्दा बनाने की कोशिश करना कहीं न कहीं भारत को नागवार गुजरेगा। ईद के मौके पर दिए गए अपने भाषण में खामेनेई ने दुनिया भर के मुस्लिमों को एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि उन सभी का एक ही दुश्मन है। खामेनेई ने इस श्रेणी में सऊदी अरब, सुन्नी अरब और भारत को एक ही समान बता डाला।
वर्ष 2010 में भी कश्मीर का जिक्र
इससे पहले भी खामेनेई एक बार कश्मीर को अफगानिस्तान और पाकिस्तान के जैसा देश बता चुके हैं। भारत की ओर से उनके इस बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई गई थी। खामनेई ने इससे पहले जुलाई और नवंबर 2010 में इसी तरह की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि मुसलमान समुदाय को अफगानिस्तान और कश्मीर में जारी संघर्ष के लिए एकसाथ होना पड़ेगा। खामनेई ने उस समय गाजा और अफगानिस्तान को एक जैसा करार दे दिया था। उस समय खामनेई के नवंबर में दिए गए भाषण के बाद भारत ने ईरान के राजदूत को समन भेजकर इस पर अपना विरोध दर्ज कराया था। खामनेई ने फिलिस्तीन का भी जिक्र किया और कहा कि इजरायल के खिलाफ इस्लामिक जेहाद छेड़ा जाना अब समय की जरूरत है। खामनेई के शब्दों में, 'फिलिस्तीन मुस्लिम आबादी का सबसे अहम मसला है। इस्लामिक न्याय कहता है कि जब एक दुश्मन मुसलमानों की जमीन पर अपना कब्जा कर ले, तो जेहाद करना सबका धर्म है।' खामेनेई ने कहा कि यहूदी इजरायल के खिलाफ लड़ना हर मुसलमान का कर्तव्य है। इससे कोई मुंह क्यों मोड़े?