ईरान ने भारत को दी धमकी, अगर चाबहार पोर्ट में नहीं हुआ कोई निवेश तो फिर नहीं मिलेगी कोई खास सुविधा
ईरान ने मंगलवार को चाबहार पोर्ट पर निवेश के वादों को पूरा न करने की वजह से भारत की आलोचना की है। ईरान ने साफ कर दिया है कि अगर भारत का रवैया ऐसा ही रहा और उसने ईरान से तेल आयात करना बंद किया तो फिर भारत इस पोर्ट को गंवा सकता है।
तेहरान। ईरान ने मंगलवार को चाबहार पोर्ट पर निवेश के वादों को पूरा न करने की वजह से भारत की आलोचना की है। ईरान ने साफ कर दिया है कि अगर भारत का रवैया ऐसा ही रहा और उसने ईरान से तेल आयात करना बंद किया तो फिर भारत इस पोर्ट को गंवा सकता है। भारत में ईरान के डिप्टी-एंबेसडर और घरेलू मामलों के इंचार्ज मसूद रेजावानियान राहघी की ओर से इस बाबत एक अहम बयान दिया गया है। आपको बता दें कि पिछले दिनों अमेरिका ने भारत समेत चीन और उन तमाम देशों को अल्टीमेट दिया था और कहा था कि अगर चार नवंबर तक उन्होंने ईरान से तेल लेना बंद करना होगा।
अभी तक भारत ने पूरा नहीं किया वादा
राहघी ने कहा ईरान, भारत को मिलने वाले तमाम सुविधाओं को खत्म कर देगा अगर भारत ने ईरान की जगह सऊदी अरब, रूस, इराक, अमेरिका जैसे दूसरे देशों से तेल लेना शुरू किया। राहघी ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि चाबहार पोर्ट के विस्तार के लिए जिस भारतीय निवेश का वादा किया गया था और इससे दूसरे हिस्सों से जोड़ने के लिए जिन प्रोजेक्ट्स की बात की गई थी, उन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है। उम्मीद है कि भारत इस दिशा में जरूरी कदम उठाएगा अगर इस पोर्ट पर उसका सहयोग रणनीतिक है। राहघी ने यह बात एक सेमिनार के दौरान कही।
मई 2016 में चाबहार पर हुई डील
चाबहार पोर्ट को भारत के लिए ईरान और अफगानिस्तान के अलावा सेंट्रल एशिया के देशों में व्यापार के लिए सुनहरा मौका माना जा रहा है। खासतौर पर तब जब पाकिस्तान, भारत को अपने यहां से गुजरने वाले रास्ते को देने से इनकार कर रहा है। मई 2016 में भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच एक समझौता हुआ जिसके तहत तीन देशों से होकर गुजरने वाले चाबहार पोर्ट को ट्रांसपोर्ट के लिए प्रयोग किया जा सकता था। यह ईरान में सबसे बड़ा पोर्ट है जो समुद्र के रास्ते होने वाले व्यापार में फायदेमंद साबित होगा।
तेल आयात पर क्या बोले राहघी
अमेरिका की ओर से ईरान से होने वाले तेल के आयात पर लगाई गई पाबंदी पर राहघी ने कहा कि उनका देश हमेशा से भारत के लिए ऊर्जा का भरोसेमंद साथी रहा है। ईरान ने हमेशा से ही तेल के उचित दाम की नीति का पालन किया है ताकि दोनों देशों में तेल के उपभोक्ताओं और सप्लायर्स का फायदा होता रहे। उन्होंने कहा कि अगर भारत, ईरान की जगह सऊदी अरब, इराक और अमेरिका जैसे देशों से तेल लेना चाहता है तो फिर उसे ऊंचो दाम पर तेल लेने को मजबूर होना पड़ेगा। इससे भारत को ईरान की तरफ से मिलने वाले खास फायदे बंद हो जाएंगे। ईरान ने भारत को अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 के बीच 18.4 मिलियन टन कच्चा तेल सप्लाई किया था।