ईरान में हिजाब उतारकर क्यों फेंक रही हैं महिलाएं?
तेहरान। ईरान में इन दिनों सरकार के खिलाफ सैकड़ों महिलाएं अपना हिजाब फेंक कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। ईरान में हिजाब पहनने के कानून के खिलाफ, महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। सोशल मीडिया पर भी कई महिलाएं अपने हिजाब में हाथ में रखकर सरकार के इस कानून का विरोध कर रही हैं। कई शहरों में लड़कियां अपना हिजाब उतारक, उसे लहराते हुए अपनी फोटो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर रही हैं। एक तस्वीर, जो सबसे ज्यादा वायरल हो रही है, जिसमें मोहावेद नाम की लड़की यूटिलिटी बॉक्स पर खड़ी हैं और उसने अपने हिजाब को लकड़ी के दूसरे हिस्से वाले छोर पर बांधकर उसे लहरा रही है।
ईरान में लड़कियां क्यों कर रही है प्रोटेस्ट?
बीते वर्ष दिसंबर ने सरकार विरोधी आंदोलन में विदा मोहावेद को इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उसने अपना हिजाब उतार दिया था। विदा पिछले रविवार को ही जेल से रिहा हुई है और अब ईरान की महिलाएं उसके सपोर्ट में खड़ी हो गई है। सोशल मीडिया पर "The girls of Revolution Street" नाम से कैंपेन चलाया जा रहा है, जिसमें महिलाएं अपना हिजाब उतारकर इस कानून का विरोध कर रही है।
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ईरान में क्या है हिजाब कानून?
ईरानी धर्म गुरू और 1979 में ईरान रिवोल्यूशन के नेता अयातुल्लाह खुमैनी ने घोषणा करते हुए अपने देश में महिलाओं के लिए इस्लामिक ड्रेस कोड की घोषणा की थी। जिसके बाद हजारों की संख्या में तेहरान शहर में महिलाओं ने 'एंटी हिजाब' रैली निकालकर इसका विरोध किया था। 1983 में इसे कानून को पूरे देश में लागू कर दिया है, जिसके अंतर्गत कोई भी महिला बिना हिजाब के पब्लिक प्लेस में नहीं आ सकती।
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पिछले साल दिसंबर में हुआ था एंटी गवर्नमेंट प्रोटेस्ट
पिछले साल दिसंबर में ईरान में सरकार के खिलाफ लाखों लोग सड़कों पर उतरे थे और पूरा देश हिंसा की चपेट में गया था। लोगों का गुस्सा भ्रष्टाचार और महगांई के खिलाफ था। सरकार प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए दमनकारियों नीतियों का प्रयोग करते हुए, करीब 4000 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस हिंसा में 29 लोगों की भी जान गई थी। ईरान में 2009 के बाद यह सबसे बड़ा आंदोलन एंटी गवर्नमेंट प्रोटेस्ट था।