ईरान ने ओसामा को कहा था, जो अमेरिका पर हमला करेगा, हम उसकी मदद करेंगे- CIA ने लगाए गंभीर आरोप
वॉशिंगटन। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने 2011 में आतंकी ओसामा बिन लादेन की हत्या के दौरान जो डॉक्यूमेंट जब्त किए थे, उन्हें अब सार्वजनिक कर हड़कंप मचा दिया है। इन डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, सीआईए ने ओसामा बिन लादेन और अलकायद का समर्थन करने करने के लिए ईरान पर सवाल खड़े किए हैं। सीआईए ने इन रिपोर्ट्स का हवाले देते हुए ईरान पर बहुत गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
यूएस खुफिया अधिकारी काफी लंबे समय से कहते आए हैं कि ईरान ने 1991 से आतंकी संगठनों से गठबंधन किया हुआ है। ऐसा ही कुछ सीआईए की इस 47 हजार डोक्यूमेंट्स वाली नई रिपोर्ट में खुलासा किया गया है। सीआईए ने इन डॉक्यूमेंट्स के खुलासे तब किए हैं, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ईरान न्यूक्लियर डील को प्रमाणित करने से मना करते हुए प्रस्ताव को यूएस कांग्रेस में भेज दिया।
सीआईए के अनुसार, डॉक्यूमेंट्स से पता चलता है कि कैसे एक सऊदी अरब के सुन्नी उग्रवादी बिन लादेन ने अपने दुश्मन अमेरिका को निशाना बनाने के लिए शिया शक्ति ईरान जैसे देश के साथ सहयोग किया। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जो भी अमेरिका पर हमला करेगा, ईरान उसका साथ देने के लिए तैयार है। हालांकि, ईरान ने इस तरह के आरोपों का खंडन किया है।
इस 19 पेज की रिपोर्ट में अमेरिका पर हमला करने के लिए ईरान ने ओसामा बिन लादेन की हरसंभव मदद करने को कहा है। ईरान ने ओसामा को हथियार, लड़ाके और लेबनान के हिजबुल्ला कैंप ट्रेनिंग की भी बात कही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में सितंबर 2011 को हमले के बाद ईरान ने अलकायदा के नेताओं और लड़ाकों को बचाने के लिए उन्हें कई महीनों तक नजर बंद किया था।
सीआईए ने बुधवार को इन सभी डॉक्यूमेंट्स को अपनी वेबसाइट पर डाल दिया था, लेकिन टेक्निकल खराबी का हवाला देते हुए कुछ ही घंटों बाद वहां से हटा दिये गए। हालांकि, सीआईए ने कहा है कि वे जल्द ही ओसामा बिन लादेन से जुड़े पूरे डॉक्यूमेंट्स वेबसाइट पर पब्लिश करेगी।
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