न्यूक्लियर डील पर बातचीत से पहले ईरान का बड़ा धमाका, लांच किया रॉकेट, टेंशन में इजरायल-US!
पिछले रॉकेट प्रक्षेपणों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान को फटकार लगाई थी और अमेरिका का कहना है, इस तरह के सैटेलाइट रॉकेट प्रक्षेपण. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को धता बताते हैं
तेहरान, जून 27: ईरान की सरकारी मीडिया ने रविवार को एक रिपोर्ट प्रसारित करते हुए कहा है कि ईरान ने शक्तिशाली रॉकेट लांच किया है। ईरानी सरकारी टेलीविजन की रिपोर्ट में कहा गया है कि, परमाणु समझौते पर रूकी हुई बातचीत को फिर से शुरू करने के यूरोपीय संघ के साथ बनी सहमति के एक दिन बाद तेहरान ने एक सैटेलाइट करियर के साथ सॉलिड फ्यूल रॉकेट को लांच किया है।
ईरान ने कब लांच किया रॉकेट?
हालांकि, ईरानी स्टेट टीवी ने यह नहीं बताया है कि, वास्तव में रॉकेट कब लॉन्च किया गया है, लेकिन सैटेलाइट की तस्वीरों में ईरान के रेगिस्तान में लॉन्च पैड पर तैयारियां होते हुए देखा गया है। ईरान ने यह भी स्वीकार किया है, कि उसने उपग्रह ले जाने वाले ज़ुल्जाना रॉकेट के परीक्षण की योजना बनाई थी। सरकारी मीडिया ने दावा किया कि रॉकेट का प्रक्षेपण सफल रहा है। ईरान द्वारा किए गये रॉकेट प्रक्षेपण की खबर उस वक्त आई है, जब यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख, जोसेप बोरेल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर गतिरोध वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए तेहरान की यात्रा की थी और शनिवार को उन्होंने घोषणा करते हुए कहा था, कि अमेरिका और ईरान आने वाले दिनों में अप्रत्यक्ष वार्ता फिर से शुरू करेंगे।
नाराज होगा अमेरिका
पिछले रॉकेट प्रक्षेपणों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान को फटकार लगाई थी और अमेरिका का कहना है, इस तरह के सैटेलाइट रॉकेट प्रक्षेपण. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को धता बताते हैं और अमेरिका ने ईरान को परमाणु हथियार पहुंचाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों से संबंधित किसी भी गतिविधि से दूर रहने का आह्वान किया गया था। ईरान, जिसने लंबे समय से कहा है कि वह परमाणु हथियारों बनाने की कोशिश नहीं कर रहा है, उसका कहना है, कि वो सैटेलाइट प्रक्षेपण करता रहेगा और उसके सैटेलाइट सैन्य सैटेलाइट नहीं हैं। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए ने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता अहमद होसैनी के हवाले से कहा कि ये सैटेलाइट करियर पृथ्वी के लोअर ऑर्बिट से जानकारियां मुहैया करवाएगा, जिससे ईरान के स्पेस इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा।
ईरान परमाणु समझौता क्या है?
आपको बता दें कि साल 2015 में बराक ओबामा प्रशासन के तहत ईरान और अमेरिका के बीच एक समझौता हुआ था। इन दोनों के अलावा चीन और रूस समेत कुछ और देशों ने भी इस समझौते में भाग लिया। इस संधि को JCOPA या संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCOPA) भी कहा जाता है। साल 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह कहते हुए अमेरिका को इस संधि से अलग कर लिया था, कि अमेरिका को इस परमाणु समझौते से कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने इस डील को सबसे बेकार बताया था। उन्होंने कहा कि वह ईरान के साथ एक नई डील चाहते हैं, जिससे अमेरिका को फायदा होगा और डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर कई कड़े प्रतिबंध भी लगा दिए थे। इसके बाद साल 2019 में ईरान ने भी इस डील से खुद को दूर कर लिया था। वहीं, मौजूदा बाइडेन प्रशासन फिर से उस परमाणु समझौते को आगे बढ़ाना चाहता है, लेकिन ईरान का कहना है, कि अमेरिकी प्रतिबंधों से उसे जो अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जाए।