ईरान ने विरोध भड़काने के आरोपी पत्रकार को दी फांसी की सजा
तेहरान। ईरान में अशांति फैलाने और विरोध भड़काने के आरोपी एक ईरानी पत्रकार पत्रकार रूहोल्लाह ज़म को शनिवार को फांसी दे दी गई। पत्रकार रूहोल्लाह म ने साल 2017-18 में देशव्यापी आर्थिक विरोध को प्रेरित करने में मदद की थी। इस विरोध के बाद उन्हें देश से निर्वासित भी होना पड़ा था। निर्वासित होने के कुछ महीनों बाद ही वे रहस्यमय परिस्थितियों में देश वापस लौट आये थे। फ्रांस में निर्वासन में रह रहे पत्रकार को कथित तौर पर पिछले साल इराक जाते समय हिरासत में लिया गया था।
ईरान के सरकारी टेलीविज़न और आईआरएनए समाचार एजेंसी ने कहा कि 47 वर्षीय रूहुल्लाह जम को शनिवार तड़के फांसी दे दी गई। रिपोर्ट में इस से संबंधित और सूचनाएं नहीं दी गईं। जून 2020 में एक अदालत ने जम को दुनिया में भ्रष्टाचार फैलाने का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई। यह आरोप अक्सर ईरान सरकार की जासूसी या सरकार को उखाड़ फेंकने के प्रयासों से जुड़े मामलों में लगाया जाता है।
ईरानी सरकार ने न्यूज पोर्टल पर 2017-18 की अशांति फैलाने का आरोप लगाया, क्योंकि इसने विरोध प्रदर्शन के वीडियो साझा किए थे और ऑफिशियल जानकारी को नुकसान पहुंचाया था। उन्हें 'धरती पर भ्रष्टाचार' (फसाद) का दोषी ठहराया गया था। जम पर आरोप में है कि, उनकी वेबसाइट AmadNews और लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर बनाए अपने चैनल के माध्यम से आम ईरानियों के बीच विरोध प्रदर्शनों की सूचनाओं को फैलाने में मदद की।
2017 के विरोध की शुरुआत खाद्य कीमतों में अचानक उछाल आने के कारण हुई। कई लोगों का मानना है कि ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी के कट्टर विरोधियों ने पूर्वोत्तर ईरान के रूढ़िवादी शहर मशहद में पहले प्रदर्शनों को उकसाया ताकि आम जनता का गुस्सा राष्ट्रपति पर केंद्रित हो। जम के शेयर किये वीडियोज में रूहानी और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खुमैनी को लोगों द्वारा दी जा रही चुनौतियों को सुना जा सकता है।
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