भारत साथ संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने पर इंडोनेशिया जारी करेगा रामायण पर डाक टिकट
जकार्ता। भारत के साथ राजनयिक संबंधो के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर इंडोनेशिया की तरफ से रामायण की थीम पर एक खास स्टैंप रिलीज की जाएगी। जकार्ता में भारतीय दूतावास की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। कार्यक्रम में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार और इंडोनेशिया के उप-विदेश मंत्री अब्दुर्रहमान मोहम्मद फकीर मौजूद रहेंगे।
जटायु की लड़ाई का सीन स्टैंप पर
जो स्टैंप इंडोनेशिया की सरकार की ओर से रिलीज की जाएगी, उस पर रामायण का वह दृश्य उकेरा गया है जहां पर जटायु, सीता को बचाने के लिए लड़ाई करता है। इस स्टैंप को इंडोनेशियाई कलाकार पद्मश्री बापक न्योमान नुआर्ता की ओर से डिजाइन किया गया है। इस स्टैंप को फिलात्ले म्यूजियम में प्रदर्शन के लिए रखा जाएगा। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब इंडोनेशिया के पर गए थे तो उस दौरान यह तय किया गया था कि दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों के 70 सालों का जश्न इस तरह मनाएंगे।
इंडोनेशिया की 90 प्रतिशत आबादी मुसलमान
90 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया पर रामायण की गहरी छाप है। रामकथा इंडोनेशिया की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा है। रामायण को वहां रामायण ककविन (काव्य) कहा जाता है। इसके चरित्रों का प्रयोग वहां के स्कूलों में शिक्षा देने के लिए भी किया जाता है। बताया जाता है कि इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो के समय में पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल इंडोनेशिया की यात्रा पर था। इसी दौरान उसे वहां पर रामलीला देखने का मौका मिला। प्रतिनिधिमंडल में गए लोग इससे हैरान थे कि एक इस्लामी गणतंत्र में रामलीला का मंचन क्यों होता है। यह सवाल उन्होंने सुकर्णो से भी किया। उन्हें फौरन जवाब मिला कि 'इस्लाम हमारा धर्म है और रामायण हमारी संस्कृति।'
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