कोरोना के चलते आई आर्थिक तंगी, यह कॉलेज फीस के बदले ले रहा है नारियल
बाली। कोरोना महामारी ने दुनिया भर में करोड़ों लोगों की जिंदगियां उथल-पुथल कर दी है। महामारी ने लाखों लोगों के सामने आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोविड-19 महामारी से इंडोनेशिया के बाली में एक कॉलेज के छात्र आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं। बच्चों के स्कूल, कॉलेज की फीस भरने के लिए भी लोगों को मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसे में, बाली के एक कॉलेज ने इस प्रॉब्लम का अनोखा समाधान निकाला है।
ट्यूशन फीस के बदले नारियल
कॉलेज ने ट्यूशन फीस न भर पाने वाले छात्रों को फीस के बदले कॉलेज में नारियल जमा करने की सुविधा दी है। द वीनस वन टूरिज्म अकादमी ने अध्ययनरत छात्रों को बाकायदा यह सुविधा आधिकारिक तौर पर दी है। चूँकि कॉलेज में नारियल तेल का उत्पादन होता है, लिहाज़ा कॉलेज ट्यूशन फीस के बदले अब छात्रों से नारियल ले रहा है। संस्थान के एक अधिकारी ने एक स्थानीय मीडिया संस्थान को कॉलेज की इस अनोखी पहल की जानकरी देते हुए बताया कि नारियल का इस्तेमाल स्कूल में कोकोनट ऑयल बनाने के लिए किया जाएगा।
छात्र अपना परीक्षा शुल्क नारियल लाकर दे सकते हैं
संस्थान के एक कर्मचारी वयन पसेक ने स्थानीय मीडिया बाली पुष्पा न्यूज को बताया कि, प्राकृतिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल शुद्ध नारियल तेल की फसल उपजाने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा, पहले हमने शिक्षा शुल्क को किश्तों में देने का कार्यक्रम शुरू किया, लेकिन अब हम पहले की तुलना में ज्यादा लचीले हो गए हैं। कोरोना वायरस महामारी के कारण हमने नरम नीति अपनाई है। हम शुद्ध नारियल तेल का उत्पादन करते हैं, इसलिए छात्र अपना परीक्षा शुल्क नारियल लाकर दे सकते हैं।
अनोखे तरीके को काफी पसंद किया जा रहा है
लोकल अखबार ‘बाली सन' के मुताबिक़, कॉलेज सिर्फ नारियल ही नहीं, बल्कि दूसरे प्राकृतिक प्रोडक्ट्स भी स्वीकार कर रहा है। जैसे मोरिंगा और दूसरे पौधों की पत्तियां, जो हर्बल साबुन बनाने में इस्तेमाल होती हैं। स्टूडेंट्स अपने बनाए हुए प्रोडक्ट्स को दोबारा बेच भी सकते हैं, ताकि उनमें बिजनेस की समझ विकसित हो सके। सोशल मीडिया पर कॉलेज के इस अनोखे तरीके को काफी पसंद किया जा रहा है। लोगों की तकलीफ समझने के लिए कॉलेज की तारीफ कर रहे हैं।
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