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इंडो-अमेरिकन उस समय लुट गए जब वो अपनी सहकर्मी की जान बचा रहे थे

34 साल अनिल वानवल्ली मैनहट्टन स्टेशन पर अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। तभी उनकी सहकर्मी 26 साल की माधुरी रिकेरला ट्रेन की पटरी पर गिर गई। अनिल ने माधुरी की जान अपनी जान की बाजी लगाकर बचाई।

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली।अमेरिका में एक इंडो अमेरिकन को उसकी बहादुरी के लिए पुरस्कार मिला है। उसे वहां पुलिस ने अपनी सहकर्मी की जान बचाने के लिए पुरस्कृत किया। न्यूयार्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक 34 साल अनिल वानवल्ली शुक्रवार की सुबह मैनहट्टन स्टेशन पर अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। तभी उनकी सहकर्मी 26 साल की माधुरी रिकेरला ट्रेन की पटरी पर गिर गई। अनिल ने माधुरी की जान अपनी जान की बाजी लगाकर बचाई अनिल ट्रेन की पटरी पर कूद गए और सामने से आ रही ट्रेन से माधुरी रिकेरला को बचाया। लेकिन इस दौरान अनिल वानवल्ली की बैग चोरी हो गई।

इंडो-अमेरिकन उस समय लुट गए जब वो अपनी सहकर्मी की जान बचा रहे थे

अनिल वानवल्ली ने बताया कि वो पिछले दस साल से यूएस में हैं। वही अनिल ने कहा कि मुझे बहुत बुरा लगा कि मै किसी की मदद कर रहा था और किसी ने मेरी बैग चुरा ली। उस बैग में लैपटाप, हेड फोन और कुछ कैश थे। अनिल के मुताबिक ऐसे हालात में कोई चोरी कैसे कर सकता है जब सामने किसी की जिंदगी खतरे में दिख रही हो उन्होंने कहा कि इंसान को हमेशा दूसरे की मदद के लिए तैयार रहना चाहिए।

बाद ईडिशन पुलिस ने अनिल को 1,000 डॉलर का एक चेक देकर सम्मानित किया।वही रिकेरला ने बताया कि उन्होंने सुबह से कुछ खाया नहीं था जिस वजह से गिर गई। रिकेरला को घायल हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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English summary
Indo-american Robbed While Saving Co-Worker life
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