NASA के Moon mission के लिए चुने गए भारतीय मूल के राजा जॉन वुरपुतूर चारी
नई दिल्ली- अमेरिकी एजेंसी नासा ने अपने चंद्र अभियान के लिए एक भारतीय-अमेरिकी समेत 18 अंतरिक्ष यात्रियों को चुना है। नासा ने जिन 18 अंतरिक्ष यात्रियों के लिए इस मिशन के लिए चुना है उनमें आधी महिलाएं हैं। इन सभी अंतरिक्ष यात्रियों को वह अपने 'आर्टमिस' मून-लैंडिंग प्रोग्राम के लिए प्रशिक्षत करेगा। अंतरिक्ष यात्रियों की इस लिस्ट में राजा जॉन वुरपुतूर चारी अकेले भारतीय मूल के अंतरिकक्ष यात्री होंगे, जिन्हें 2017 में ही नासा ने एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट क्लास के लिए चुना था। राजा चारी अमेरिकी एयर फोर्स एकैडमी, एमआईटी और अमेरिकी नेवल टेस्ट पायलट स्कूल से ग्रैजुएट हैं। बता दें कि यह पहला चंद्र अभियान होगा जिसके जरिए पहली महिला अंतरिक्ष यात्री चांद की सतह पर कदम रखेगी।
नासा के चंद्र अभियान में भारतीय मूल के राजा चारी शामिल
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने भारत के लिए भी एक गर्व करने लायक खबर दी है। उसने अपने अगले मानवीय चंद्र अभियान के लिए एक भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री को भी चुना है। 43 साल के राजा जॉन वुरपुतूर चारी को नासा ने 2017 में ही एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट क्लास के लिए चुनकर अपने यहां नियुक्त किया था। उन्होंने अगस्त, 2017 में ही वहां ज्वाइन किया और एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट ट्रेनिंग का शुरुआती कोर्स पूरा कर लिया है और अब वे मून मिशन के लिए योग्य हो चुके हैं। उन्होंने अमेरिकी एयर फोर्स एकैडमी, एमआईटी और अमेरिकी नेवल टेस्ट पायलट स्कूल से ग्रैजुएट किया है। इस मिशन के लिए 9 पुरुषों और 9 महिलाओं को चुना गया है, जिसमें वे अकेले भारतीय-अमेरिकी हैं।
बेहद अनुभवी टीम के सदस्य होंगे राजा चारी
बुधवार को इसके बारे में जानकारी देते हुए अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर में कहा कि, 'मेरे साथी अमेरिकी, मैं आपको भविष्य के हीरो दे रहा हूं, जो हमें वापस चंद्रमा और उसके आगे- आर्टमिस पीढ़ी तक ले जाएंगे।' उन्होंने आठवीं नेशनल स्पेस काउंसिल मीटिंग के दौरान आर्टमिस टीम के लोगों से परिचय करवाया और बोले, 'यह सोचना वाकई आश्चर्यजनक है कि चंद्रमा पर अगला आदमी और पहली महिला उन नामों में से होंगे जिसे मैं पढ़ता हूं.....हमने आज अतीत के एक महान नायक को दिखाना शुरू कर दिया है। आर्टमिस पीढ़ी भविष्य के अमेरिकी स्पेस एक्सप्लोरेशन के हीरो हैं।' जिस मून मिशन के राजा चारी हिस्सा बन रहे हैं, अलग-अलग बैकग्राउंड, विशेषता और अनुभव वाले लोग हैं। ज्यादातर अंतरिक्ष यात्री से ज्यादा और 40 से ज्यादा वाले उम्र में हैं। सबसे ज्यादा उम्र के अंतरिक्ष यात्री की आयु 55 साल और सबसे कम की 32 साल है।
2024 में चांद पर उतरेगा यह मिशन
नासा के मुताबिक उसका मॉडर्न लुनर एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम पहली महिला अंतरिक्ष यात्री और अगले पुरुष अंतरिक्ष यात्री के साथ 2024 में चंद्रमा पर उतरेगा और इस दशक के अंत तक चांद पर लगातार इंसानों की मौजूदगी को सुनिश्चित करेगा। नासा आर्टमिस की टीम में से ही अंतरिक्ष यात्रियों को अलग-अलग असाइमेंट की घोषणा बाद में करेगा। इसमें अतिरक्त टीम के लोग भी जिसमें इंटरनेशनल पार्टनर भी होंगे वो भी जुड़ेंगे। नासा ने उसके आर्टमिस कार्यक्रम को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है। चुने गए अंतरिक्ष यात्री इस मिशन की तैयारी के काम में उसका हाथ बटाएंगे, जिसकी शुरुआत अगले साल होगी। इसके लिए एजेंसी कॉमर्शियल पार्टनर के साथ ह्यूमैन लैंडिंग सिस्टम, डेवलपमेंट ट्रेनिंग, हार्डवेयर की आवश्यकताओं और टेक्निकल डेवलपमेंट का काम भी करेगा। इस मिशन में पब्लिक और इंडस्ट्री को भी साथ जोड़ा जाएगा।
'हमारे लिए एक सपना पूरे होने जैसा'
चीफ एस्ट्रोनॉट पैट फॉरेस्टर ने कहा कि, 'हमारे लिए आगे कई उत्साहजनक काम हैं, क्योंकि हम चंद्रमा पर वापस लौट रहे हैं और सभी एस्ट्रोनॉट कोर इसे मिलकर पूरा करेंगे। ' उन्होंने ये भी कहा कि 'चंद्रमा की सतह पर चलना हम सब के लिए एक सपना साकार होने जैसा है और इसमें हम जो भी कर सकें वह एक सम्मान है।' (तस्वीर सौजन्य नासा और सोशल मीडिया)
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