
भारतीय मूल के बैंकर और डॉयचे बैंक के पूर्व सह-सीईओ अंशु जैन का 59 वर्ष की उम्र में कैंसर से निधन
नई दिल्ली, 14 अगस्तः भारतीय मूल के बैंकर और डॉयचे बैंक के पूर्व सह-सीईओ अंशु जैन का कैंसर से पांच सालों तक लड़ाई लड़ने के बाद शनिवार को निधन हो गया। उन्हें 2017 में इस बीमारी का पता लगा था। कैंसर ने उनकी छोटी आंत को बुरी तरह से प्रभावित किया। वह 59 वर्ष के थे। उनके परिवार ने एक बयान में कहा कि हमें गहरा दुख है कि हमारे प्यारे पति, बेटे और पिता अंशु जैन का निधन हो गया।

ड्यूश बैंक का नेतृत्व करने वाले पहले गैर-यूरोपीय
अंशु जैन ने ड्यूश बैंक को दुनिया के शीर्ष सार्वभौमिक बैंकों में से एक बनाने में अपने दो दशक लगा दिए। वह जर्मन संस्था का नेतृत्व करने वाले पहले गैर-यूरोपीय थे। 2008 के वित्तीय संकट और उसके बाद यूरोपीय ऋण संकट के बाद जैन ने ड्यूश को यूरोप के बैंकिंग सेक्टर में बनाए रखा। ब्लैकरॉक इंक के सीईओ लैरी फिंक ने कहा कि अंशु जैन को वित्तीय सेवाओं में उनके नेतृत्व और संरक्षण के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता के लिए याद किया जाएगा। इस दौरान बैंक के अध्यक्ष एलेक्जेंडर वायनांड्स ने बयान जारी कर कहा कि अंशु ने बैंक के वैश्विक पूंजी बाजार कारोबार के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह 1995 में डॉयचे बैंक में शामिल हुए थे। इसके बाद 2009 में उन्हें प्रबंधन बोर्ड में नियुक्त किया गया था। वह 2012 से 2015 तक बैंक के सह-सीईओ थे। इसके बाद 2017 में वित्तीय सेवा फर्म के अध्यक्ष भी रहे।
वन्यजीव संरक्षण समूहों के साथ किया काम
अंशु जैन का जन्म जयपुर में हुआ था। जैन ने एमहर्स्ट में मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी में एमबीए पूरा करने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र ऑनर्स में स्नातक की की डिग्री ली थी। अंशु प्रसिद्ध बैंकर होने के साथ-साथ दुनिया के कई हिस्सों में पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण समूहों के साथ काम कर रहे थे। वह आजीवन शाकाहारी रहे।
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