H-1B वीजा से इनकार पर भारतीय टेकी ने किया अमेरिकी सरकार पर केस
वॉशिंगटन। अमेरिका में एक भारतीय को एच-1बी वीजा देने से इनकार कर दिया गया और अब कंपनी ने अमेरिका की सरकार पर केस कर दिया है। अमेरिकी अथॉरिटीज की ओर से इस टेकी के वीजा को यह कहकर खारिज कर दिया गया था कि कंपनी ने अमेरिकी सरकार के इस फैसले को 'मनमाना' और 'अधिकारों का स्पष्ट दुरुपयोग' बताया है।
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गलत तरीके से खारिज की वीजा एप्लीकेशन
कंपनी का नाम जेट्रा सॉल्यूशंस है और कंपनी ने अपने मुकदमे में आरोप लगाया है कि अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने प्रहर्ष चंद्र साई वेंकट अनीसेट्टी को अनुचित तरीके से एच -1 बी वीजा देने से मना किया है। कंपनी की तरफ से उन्हें बिजनेस सिस्टम एनालिस्ट के रूप में नियुक्त किया गया था। इसमें कहा गया है कि वेंकट की तरफ से कंपनी के एच-1बी वीजा आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि वेंकट को जिस नौकरी की पेशकश की गयी है वह एच -1 बी वीजा के लिए पात्र नहीं है। एच-1बी वीजा विशेष योग्यता के कामों के लिए मिलता है।
कंपनी ने अमेरिका की डिस्ट्रीक्ट कोर्ट से यूएससीआईएस के आदेश को कैंसिल करने का आग्रह करते हुए कहा , 'वीजा आवेदन को अमान्य करने की जरूरी वजहें नहीं बताई गई हैं। यह एक मनमाना तथा बिना सोचा समझा निर्णय है और यह प्राप्त अधिकारों का स्पष्ट दुरुपयोग है।' वेंकट के पास इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार इंजीनियरिंग) में ग्रेजुएशन की डिग्री और टेक्सॉस यूनिवर्सिटी से इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में एमएससी की डिग्री है। उनके पास वर्तमान में पत्नी के जरिए वैध एच -4 आश्रित वीजा है। उनकी पत्नी के पास एच -1 बी वीजा है।
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