SBI के नेतृत्व वाले कंस्टोरियम ने विजय माल्या के खिलाफ यूके कोर्ट में पेश किया बैंकरप्सी ऑर्डर
नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कंस्टोरियम ने यूके कोर्ट में विजय माल्या के खिलाफ बैंकरप्सी ऑर्डर पेश किया है। बैंकों की ओर से कहा गया है कि माल्या की ओर से सेटलमेंट को लेकर कोई भी ऑफर मायने नहीं रखता है। कारोबारी विजय माल्या ने सुनवाई के दौरान अदालत में कहा कि खिलाफ उसके दिवालिया होने की याचिका को फेंक दिया जाना चाहिए क्योंकि बैंकों की लेनदारी पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
मंगलवार की सुनवाई में जज ब्रिग्स ने माल्या के मामले की सुनवाई की। बैंकों ने यह तर्क दिया कि माल्या की सम्पत्तियों पर कोई सिक्योरिटी नहीं रखी गई है और यूबीएचएल और उसकी निजी सम्पत्तियों को लेने के लिए बहुत से लेनदार कतार में लगे हुए हैं। बैंकों ने यह भी बताया कि संपत्तियों को लेकर विजय माल्या पर प्रवर्तन निदेशालय भी जांच कर रहा है। वहीं माल्या की ओर से कहा गया कि अदालत को यूबीएचएल की संपत्ति और उसकी निजी सम्पत्तियों के ऊपर बैंकों द्वारा जब्त सिक्योरिटी को ध्यान में रखना चाहिए और इसलिए बैंकों की याचिका को खारिज कर देना चाहिए।
शराब कारोबारी विजय माल्या पर भारतीय बैंकों से करीब 9000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप हैं। विजय माल्या साल 2016 की 2 मार्च को भारत छोड़कर विदेश भाग गया था। जिसके बाद वह ब्रिटेन में रह रहा है। 63 साल के विजय माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई मुकदमें चल रहे हैं। सीबीआई और ईडी ने उसके खिलाफ मुकदमें किए हैं।
14 मई को यूके हाईकोर्ट ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाने की याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद भारत सरकार ने विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। ब्रिटिश हाई कमिशन ने हाल ही में माल्या के प्रत्यर्पण पर कहा था कि कुछ कानूनी मसले अभी सुलझने बाकी हैं।
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