सीएनएन पर हिंदू धर्म को गलत तरीके से दिखाने का आराेप, ऑफिस के बाहर जुटे हजारों भारतीय अमेरिकी
शिकागो में अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन के ऑफिस के सामने हजारों भारतीय-अमेरिकी कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन। एक डॉक्यूमेंट्री में सीएनएन पर हिंदू धर्म को नकारात्मक तरीके से दिखाने का आरोप।
शिकागो। शिकागो स्थित अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन के ऑफिस के बाहर इन दिनों हजारों की संख्या में भारतीय-अमेरिकी मौजूद हैं। वे सभी इस चैनल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे है। सीएनएन ने पिछले दिनों एक डॉक्यूमेंट्री टेलीकास्ट की थी जिसमें उसने हिंदू धर्म को नकारात्मक तरीके से दिखाया था।
अब तक का सबसे बड़ प्रदर्शन
सीएनएन के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन में एक रैली भी निकाली गई जिसमें हजारों की संख्या में भारतीय-अमेरिकी शामिल हुए। ये भारतीय बारिश की परवाह न करते हुए भी इस रैली का हिस्सा थे। विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से हुआ। प्रदर्शन में शामिल भरत बराई का आरोप था कि सीएनएन के स्पेशल रिपोर्टर रजा असलान ने एक डॉक्यूमेंट्री में पांच अघोरी बाबाओं और उनकी पूजा को दिखाया था। बराई शिकोगा में बसे एक प्रभावशाली भारतीय-अमेरिकी हैं। बराई ने कहा कि रजा ने इसी तस्वीर को पूरी दुनिया में हिंदू धर्म के तौर पर दिखाया। यह बात विरोध प्रदर्शन से जुड़े एक पर्चे में भी लिखी थी जिसे इस मौके पर लोगों के बीच बांटा गया था। बराई ने कहा, 'पांच अघोरी बाबा का जो विकृत चित्रण किया गया है उसका हिंदू धर्म से कोई लेना नहीं है। वे हिंदू धर्मग्रंथ या फिर इसमें सिखाई गई बातों का हिस्सा नहीं हैं।' पांच मार्च को डॉक्यूमेंट्री के टेलीकास्ट होने के बाद से अमेरिका में फैले कई हिंदू संगठन अलग-अलग तरीकों से सीएनएन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अमेरिका न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन, ह्यूस्टन, अटलांटा, सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजिल्स में प्रदर्शन जारी हैं। यह अभी तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन बन गया है।
असलान ने फेसबुक पर दिया बयान
एक और भारतीय-अमेरिकी वामसी जुलूरी ने सीएनएस के उस शो को अविचारी, नस्लभेदी और खतरनाक तौर पर अप्रवासियों के खिलाफ बताया है। उन्होंने शो की कई खामियों का जिक्र किया और कहा, 'यह काफी दुख की बात है कि अमेरिका में पिछले कई दशकों से कई अप्रवासी बसे हैं और एक सीएनएन जैसे बड़े न्यूज चैनल जब भारत का जिक्र होता है तो कुछ भी बेहतर नहीं दिखा सकते हैं।' चंद्रशेखर वाग जो कि इस प्रदर्शन में शामिल हैं, उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि रजा, भारत सिर्फ इसलिए गए थे ताकि वह अपनी एकतरफा कल्पनाओं को सच साबित कर सकें। वहीं असलान ने फेसबुक पर अपना बयान पोस्ट किया है और लिखा है कि उनकी डॉक्यूमेंट्री हिंदूवादी के खिलाफ नहीं थी बल्कि अघोरियों पर थी जो रहस्यमयी हिंदू वर्ग से हैं और जिन्हें उनकी अतिवादी परंपराओं के लिए जाना जाता है।